Medical College Betul : पीपीपी मोड के मेडिकल कॉलेज के विरोध में कांग्रेस सड़क पर
Medical College Betul : बैतूल जिला कांग्रेस कमेटी ने भारत छोड़ो आंदोलन दिवस के अवसर पर बुधवार, 8 अगस्त को बैतूल में पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज के विरोध में राज्यपाल के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। कांग्रेस ने स्पष्ट रूप से कहा कि बैतूल में मेडिकल कॉलेज केवल सरकारी मोड में ही खोला जाना चाहिए।
Medical College Betul : बैतूल। जिला कांग्रेस कमेटी ने भारत छोड़ो आंदोलन दिवस के अवसर पर बुधवार, 8 अगस्त को बैतूल में पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज के विरोध में राज्यपाल के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। कांग्रेस ने स्पष्ट रूप से कहा कि बैतूल में मेडिकल कॉलेज केवल सरकारी मोड में ही खोला जाना चाहिए।
इस अवसर पर जिला कांग्रेस के अध्यक्ष हेमंत वागद्रे के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट तक रैली निकाली गई, जिसमें पूरे जिले के कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुए। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शहीद भवन में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद रैली की शुरुआत की।
ज्ञापन में कांग्रेस ने यह आरोप लगाया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा बैतूल में मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की गई थी, लेकिन यह नहीं कहा गया था कि कॉलेज पीपीपी मोड में खोला जाएगा। कांग्रेस का कहना है कि यह घोषणा अब खुली वादा खिलाफी बन गई है।
आम जनता की चिंताएं बढ़ीं
ज्ञापन में कहा गया कि पीपीपी मोड के अनुभव और राय को देखते हुए बैतूल की जनता इस फैसले से संतुष्ट नहीं है। कांग्रेस का मानना है कि यदि मेडिकल कॉलेज पीपीपी मोड पर खुलता है, तो इससे जिला अस्पताल का भी निजीकरण हो सकता है, जिससे आम जनता को मिलने वाली सुविधाओं पर असर पड़ेगा।
शुल्क को लेकर असमंजस
लोगों की चिंताओं में प्रमुख यह है कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेज के कारण जिला अस्पताल की मौजूदा सुविधाएं कम हो सकती हैं। और यह भी स्पष्ट नहीं है कि मेडिकल कॉलेज द्वारा उपयोग किए जाने वाले जिला अस्पताल के संसाधनों के बदले में आम जनता को क्या सेवाएं निशुल्क मिलेंगी और किन सेवाओं के लिए उन्हें भुगतान करना पड़ेगा।
जारी रहे नि:शुल्क इलाज सुविधा
ज्ञापन में इस बात पर भी जोर दिया गया कि यदि मेडिकल कॉलेज संचालक जिला अस्पताल की सुविधाओं का मुफ्त में उपयोग करता है, तो सभी 500 बेड पर नि:शुल्क इलाज की सुविधा मिलनी चाहिए। इसके अलावा, कांग्रेस ने यह भी मांग की कि मेडिकल कॉलेज के लिए किए जाने वाले निवेश का बैतूल के बेरोजगारों को क्या लाभ मिलेगा, इसे भी स्पष्ट किया जाना चाहिए।
सीएसआर को लेकर चाहिए स्पष्टता
ज्ञापन में यह भी सवाल उठाया गया कि पीपीपी मोड पर प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज संचालक द्वारा सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) के तहत बैतूल जिले में क्या खर्च किया जाएगा और इससे जिले के विकास में क्या योगदान मिलेगा, इस पर भी स्पष्टता होनी चाहिए।
सरकारी मेडिकल कॉलेज चाहिए
कांग्रेस ने अपने ज्ञापन के माध्यम से साफ किया कि बैतूल की जनता को सरकारी मेडिकल कॉलेज की आवश्यकता है, न कि निजीकरण की ओर बढ़ने वाले किसी प्रयोग की। कांग्रेस ने राज्यपाल से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि बैतूल में मेडिकल कॉलेज केवल सरकारी मोड में ही खोला जाएं।
यदि पीपीपी मोड पर मेडिकल कालेज खुलता है तो वर्तमान के अस्पताल को सरकारी ही रखा जाएं। इसका निजीकरण नहीं किया जाएं। जिससे जिले के आम लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का पूरा लाभ मिल सके।
इस मौके पर यह रहे मौजूद
इस अवसर पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष हेमन्त वागद्रे, आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामू टेकाम, पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष शांतिलाल तातेड़, समीर खान, विधानसभा प्रत्याशी मनोज मालवे, राहुल उइके, ब्लाक अध्यक्ष नेकराम यादव, मनोज देशमुख, किशोर चौहान, विक्की सिंह, प्रशांत राजपूत, अरुण गोठी, संभागीय प्रवक्ता हेमन्त पगारिया सहित अन्य पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित थे।