Court News : बलात्कार के एक और मामले में आरोपी को 20 साल कैद
Court News : जिला अपर सत्र न्यायालय मुलताई जिला-बैतूल के द्वारा पॉक्सो एक्ट के प्रकरण में नाबालिग बालिका के साथ बलात्कार करने वाले आरोपी को सजा सुनाई गई है। इस मामले में आरोपी किशोरी पिता लक्ष्मण हजारे उम्र 53 वर्ष निवासी थाना मुलताई जिला बैतूल को दोषी पाया गया है।
Court News : जिला अपर सत्र न्यायालय मुलताई जिला-बैतूल के द्वारा पॉक्सो एक्ट के प्रकरण में नाबालिग बालिका के साथ बलात्कार करने वाले आरोपी को सजा सुनाई गई है। इस मामले में आरोपी किशोरी पिता लक्ष्मण हजारे उम्र 53 वर्ष निवासी थाना मुलताई जिला बैतूल को दोषी पाया गया है।
आरोपी को हुए भारतीय दण्ड संहिता 376 (2) (ढ) समाविष्ट करते हुए भारतीय दण्ड संहिता 376 (2) (झ) एवं पॉक्सो एक्ट की धारा 5 ठ/6 में 20 वर्ष का कठोर कारावास एवं 10 हजार रूपये के अर्थदण्ड एवं भारतीय दण्ड संहिता की धारा 366(क) समाविष्ट करते हुए भारतीय दण्ड संहिता की धारा 363 में 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी/विशेष लोक अभियोजक श्रीमती मालिनी देशराज के द्वारा पैरवी की गई।
मुलताई थाने में गुमशुदगी दर्ज
मामले की जानकारी देते हुए श्रीमती देशराज ने बताया कि पीड़िता के भाई ने थाना मुलताई में इस आशय की रिपोर्ट की थी। रिपोर्ट के मुताबिक घटना दिनांक 17 जनवरी 2018 को सुबह करीब 5.30 बजे देखा तो पीड़िता घर पर नहीं थी। कहीं चली गई थी। जिसकी तलाश की गई। उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट 19 जनवरी 2018 को थाना मुलताई में पदस्थ प्रधान आरक्षक अशोक आठोले के द्वारा दर्ज की गई थी।
दो साल से करता था बात
उसके पश्चात पुलिस के द्वारा पीड़िता को दस्तयाब किया गया। जिसमें पुलिस को पीड़िता ने बताया था कि पीड़िता को आरोपी सहआरोपी के घर पर लेकर गया था। जहां पर आरोपी ने उसके साथ गलत काम किया। आरोपी, पीड़िता के साथ करीब 2 साल से बात करता था, उससे शादी करना चाहता था।
महाराष्ट्र भी ले गया था आरोपी
उक्त घटना के एक साल पूर्व आरोपी पीड़िता को महाराष्ट्र भी ले गया था। और तब से वह उसके साथ गलत काम कर रहा था और कहता था कि वह उसके साथ शादी करेगा। विवेचना के दौरान आरोपी को गिरफ्तार किया गया।
दोषी पाए जाने पर मिली सजा
पुलिस थाना मुलताई में पदस्थ उपनिरीक्षक प्रशांत पाल, उपनिरीक्षक संदीप परतेती के द्वारा आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय मुलताई के समक्ष आरोपी किशोरी एवं अन्य सहआरोपी के विरूद्ध विचारण हेतु प्रस्तुत किया था। उक्त प्रकरण के विचारण उपरांत न्यायालय द्वारा आरोपी किशोरी को दोषसिद्ध पाकर दण्डित किया गया।