CCPA Action : महंगे पड़े झूठे दावें, कोचिंग संस्थान पर 3 लाख जुर्माना
CCPA Action : केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने श्रीराम ग्रुप के आईएएस कोचिंग पर भ्रामक विज्ञापन के लिए 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह निर्णय उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा और संवर्धन के लिए लिया गया था और यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसी भी वस्तु या सेवा का कोई गलत या भ्रामक विज्ञापन न किया जाए जो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के प्रावधानों का उल्लंघन करता हो।
CCPA Action : नई दिल्ली। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने श्रीराम ग्रुप के आईएएस कोचिंग पर भ्रामक विज्ञापन के लिए 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह निर्णय उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा और संवर्धन के लिए लिया गया था और यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसी भी वस्तु या सेवा का कोई गलत या भ्रामक विज्ञापन न किया जाए जो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के प्रावधानों का उल्लंघन करता हो।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के उल्लंघन के संदर्भ में सीसीपीए की मुख्य आयुक्त निधि खरे और आयुक्त अनुपम मिश्रा ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 के बारे में भ्रामक विज्ञापन के लिए श्रीराम ग्रुप के आईएएस कोचिंग संस्थान के खिलाफ एक आदेश जारी किया है।
पाठ्यक्रम अवधि का खुलासा नहीं
कोचिंग संस्थान और ऑनलाइन एडटेक मंच संभावित उम्मीदवारों (उपभोक्ताओं) को प्रभावित करने के लिए एक ही सफल उम्मीदवारों द्वारा चुने गए पाठ्यक्रमों और इस तरह के पाठ्यक्रम की अवधि का खुलासा किए बिना उनकी तस्वीरों और नामों का उपयोग करते हैं।
विज्ञापन में किए यह दावें
श्रीराम ग्रुप के आईएएस कोचिंग संस्थान ने अपने विज्ञापन में निम्नलिखित दावें किए-
- यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 में 200 से अधिक चयन।
- हम भारत के नंबर 1 प्रतिष्ठित यूपीएससी/आईएएस कोचिंग संस्थान हैं।
पाठ्यक्रम की छिपाई जानकारी
सीसीपीए ने पाया कि श्रीराम ग्रुप के आईएएस कोचिंग संस्थान ने विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रमों का विज्ञापन दिया था, लेकिन उपर्युक्त यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा परिणामों में विज्ञापित सफल उम्मीदवारों द्वारा चुने गए पाठ्यक्रम के संबंध में जानकारी जानबूझकर विज्ञापन में छिपाई गई थी।
महज 171 की दी गई जानकारी
श्रीराम ग्रुप के आईएएस कोचिंग संस्थान ने अपने जवाब में यूपीएससी सीएसई 2022 में 200 से अधिक चयनों के अपने दावे के खिलाफ केवल 171 सफल उम्मीदवारों का विवरण प्रस्तुत किया।
इन 171 उम्मीदवारों में से 102 मुफ्त साक्षात्कार मार्ग दर्शन कार्यक्रम (आईजीपी) से थे, 55 मुफ्त परीक्षा श्रृंखला से थे, 9 सामान्य अध्ययन कक्षा पाठ्यक्रम से थे और 5 उम्मीदवार राज्य सरकार और संस्थान के बीच मुफ्त कोचिंग प्रदान करने के लिए हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के तहत विभिन्न राज्यों से थे।
इस तथ्य का खुलासा उनके विज्ञापन में नहीं किया गया था, जिससे उपभोक्ताओं को धोखा दिया गया।
तीन स्तरीय है यूपीएससी परीक्षा
यह एक सर्वविदित तथ्य है कि सिविल सेवा परीक्षा के सफल उम्मीदवारों को परीक्षा के सभी 3 चरणों प्रारंभिक, मुख्य परीक्षा और व्यक्तित्व परीक्षण (पीटी) को पास करना होता है। प्रारंभिक परीक्षा एक स्क्रीनिंग परीक्षा है, मुख्य परीक्षा और व्यक्तित्व परीक्षण दोनों में प्राप्त अंकों को अंतिम रूप से चयनित होने के लिए गिना जाता है।
ग्रुप का नहीं था कोई योगदान
मुख्य परीक्षा और पीटी के लिए कुल अंक क्रमश: 1750 और 275 हैं। इस प्रकार व्यक्तित्व परीक्षण का योगदान कुल अंकों में 13.5 प्रतिशत है। अधिकांश उम्मीदवारों ने पहले ही प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा स्वंय ही पास कर ली थी, जिसमें श्रीराम ग्रुप के आईएएस कोचिंग संस्थान का कोई योगदान नहीं था।
इच्छुक उम्मीदवारों पर गलत प्रभाव
श्रीराम ग्रुप के आईएएस कोचिंग संस्थान द्वारा इस महत्वपूर्ण तथ्य को बताया नही गया कि संस्थान ने केवल ऐसे सफल उम्मीदवारों को मार्गदर्शन दिया है जिन्होंने यूपीएससी परीक्षा की प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा पहले ही पास कर ली है, इस तरह के झूठे और भ्रामक विज्ञापन द्वारा यूपीएससी परीक्षा के इच्छुक उम्मीदवारों पर गलत प्रभाव पड़ता है। इस प्रकार, विज्ञापन ने उपभोक्ता के सूचित किए जाने के अधिकार का उल्लंघन किया है ताकि अनुचित व्यापार व्यवहार से खुद को बचा सके।