Super Moon : रक्षाबंधन पर आसमान में नजर आएगा सुपर मून
Super Moon : रक्षाबंधन (19 अगस्त) की शाम को और अधिक चमकदार बनाने पूर्णिमा का चंद्रमा सुपरमून के रूप में दिखने जा रहा है। यह आम पूर्णिमा के चंद्रमा से ज्यादा बड़ा और अधिक चमकदार होगा। इसकी खगोल वैज्ञानिक जानकारी नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने दी है।
Super Moon : रक्षाबंधन (19 अगस्त) की शाम को और अधिक चमकदार बनाने पूर्णिमा का चंद्रमा सुपरमून के रूप में दिखने जा रहा है। यह आम पूर्णिमा के चंद्रमा से ज्यादा बड़ा और अधिक चमकदार होगा। इसकी खगोल वैज्ञानिक जानकारी नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने दी है।
उन्होंने बताया कि पृथ्वी के चारों ओर अंडाकार पथ में परिक्रमा करता पूर्णिमा का चंद्रमा पास के बिंदु पर होता है तो चंद्रमा बड़ा और चमकदार दिखता है। इसे सुपरमून कहते हैं। रक्षाबंधन पर चंद्रमा 3 लाख 61 हजार 969 किमी की दूरी पर रहते हुये पृथ्वी से नजदीक होगा।
यह तीसरी पूर्णिमा का चांद
सारिका ने बताया कि चंद्रमा माह में एक दिन पृथ्वी से सबसे दूर होता है। इसे अपोजी कहते हैं। वहीं एक दिन पास के बिंदु पर आ जाता है। इसे पेरिजी कहते हैं। आज के इस सुपरमून को ब्लूमून भी नाम दिया गया है क्योंकि 21 जून से 22 सितम्बर के खगोलीय सीजन में पड़ने वाली चार पूर्णिमा में से यह तीसरी पूर्णिमा का चांद है।
इसलिए पड़ा सावन नाम
सारिका ने बताया कि ब्लूमून सिर्फ नामरकण है। चांद का रंग तो बाकी पूर्णिमा की ही तरह होगा। आज चंद्रमा सुबह की स्थिति में श्रवण नक्षत्र में स्थित रहेगा। पूर्णिमा के चंद्रमा के नक्षत्र के नाम के आधार पर ही इस महीने का नाम सावन रखा गया है।
यह भी जानें…
⊕ अपोजी लगभग 4 लाख 5 हजार 500 किमी तो पेरिजी लगभग 3 लाख 63 हजार 300 किमी या इससे कम होती है।
⊕ इस खगोलीय सीजन में 21 जून, 21 जुलाई, 19 अगस्त और 18 सितम्बर को चार पूर्णिमा आ रही हैं।