Kheti Kisani : कृषि मंत्री शिवराज सिंह बोले- इस तरह होगी किसानों की आय दोगुनी

Kheti Kisani : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान इसकी आत्मा हैं। हम देश के किसानों के कल्याण को सुनिश्चित करने का पूरा प्रयास करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले से संबोधन में कहा है कि हम तीन गुना तेजी से काम करेंगे और देश के किसानों का कल्याण करने का पूरा प्रयास करेंगे।

Kheti Kisani : कृषि मंत्री शिवराज सिंह बोले- इस तरह होगी किसानों की आय दोगुनी

Kheti Kisani : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान इसकी आत्मा हैं। हम देश के किसानों के कल्याण को सुनिश्चित करने का पूरा प्रयास करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले से संबोधन में कहा है कि हम तीन गुना तेजी से काम करेंगे और देश के किसानों का कल्याण करने का पूरा प्रयास करेंगे।

कृषि मंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री ने खेती में आय दोगुनी करने का अभियान शुरू किया है। उनके पास किसानों के लिए 6 सूत्र हैं, जिन पर वे काम कर रहे हैं। पहला उत्पादन बढ़ाना, जिसके लिए अच्छे बीज जरूरी हैं। उत्पादन अच्छा है, लेकिन संभावनाएं और भी हैं। फल, सब्जी, अनाज, दलहन और तिलहन के अच्छे बीज जरूरी हैं।

उन्हें प्रसन्नता है कि प्रधानमंत्री ने 65 फसलों के बीजों की 109 प्रजातियां किसानों को समर्पित की हैं। चावल की एक किस्म ऐसी है जिसे 30 फीसदी कम पानी की जरूरत होती है। बाजरा की एक किस्म ऐसी है जिसकी फसल 70 दिन में तैयार हो जाती है। ऐसे बीज हैं, जो जलवायु के अनुकूल हैं और बढ़ते तापमान में भी बेहतर उत्पादन देते हैं।

दूसरा संकल्प- उत्पादन लागत कम करना

श्री चौहान ने बताया कि उत्पादन की लागत कम करना उनका दूसरा संकल्प है, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से किसानों को काफी मदद मिलती है। किसान क्रेडिट कार्ड से खाद के लिए सस्ते ऋण मिलते हैं।

किसानों को उपज का सही मूल्य दिलाना

तीसरा संकल्प उपज का सही मूल्य दिलाना है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बिहार का मखाना धूम मचा रहा है और एक्सपोर्ट क्वालिटी का मखाना तैयार हो रहा है और जब इसका निर्यात होता है तो किसानों को अधिक लाभ होता है।

अधिक आय वाली फसलें अपनाएं किसान

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कृषि का विविधीकरण सरकार के रोडमैप में है और हम परंपरागत फसलों के साथ-साथ अधिक आय वाली फसलों को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। श्री चौहान ने कहा कि हम नए विचारों के साथ किस तरह से खेती में उपयोग कर सकते हैं, हम कब तक रासायनिक खाद का उपयोग करते रहेंगे?

रासायनिक खादों से यह है नुकसान

इससे उर्वरा क्षमता भी कम होती है और उत्पादन तथा मानव शरीर पर प्रतिकूल असर पड़ता है। आजकल केंचुए गायब हो गए हैं। खाद डालकर उन्हें खत्म कर दिया गया है। केंचुए 50-60 फीट जमीन के नीचे जाते हैं और ऊपर आ जाते हैं, इससे जमीन उपजाऊ रहती है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में प्राकृतिक खेती का मिशन शुरू हो रहा है। इससे उत्पादन कम नहीं होगा, बल्कि बढ़ेगा।

Uttam Malviya

उत्तम मालवीय : मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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