Nag Nagin Ka Video : घर में छिपा था खतरनाक नाग-नागिन का जोड़ा

Nag Nagin Ka Video : बारिश के मौसम में सबसे ज्यादा डर सांपों का होता है। इस मौसम में इनके बिलों में पानी घुस जाता है। नतीजतन, वे सुरक्षित आश्रय तलाशते हुए घरों में घुस जाते हैं। इस बीच यदि अनजाने में कोई इनके पास पहुंच जाए तो हादसा भी हो जाता है।

Nag Nagin Ka Video : घर में छिपा था खतरनाक नाग-नागिन का जोड़ा

Nag Nagin Ka Video : बारिश के मौसम में सबसे ज्यादा डर सांपों का होता है। इस मौसम में इनके बिलों में पानी घुस जाता है। नतीजतन, वे सुरक्षित आश्रय तलाशते हुए घरों में घुस जाते हैं। इस बीच यदि अनजाने में कोई इनके पास पहुंच जाए तो हादसा भी हो जाता है।

बैतूल जिले के ग्राम हिवरखेड़ी में भी एक नाग नागिन का जोड़ा एक घर में घुस गया था। यह जोड़ा ग्राम के करण राजपूत के घर में घुसा था। घर में घुसने के बाद नाग-नागिन सोयाबीन की बोरी की पीछे बैठे थे।

नाग से ज्यादा खतरनाक नागिन

यूं तो कोबरा जैसे एक खूंखार और जहरीले नाग का दिखना ही दहशत से भर देता है। लेकिन, यदि एक ही जगह नाग-नागिन दोनों नजर आ जाए तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि मौजूद लोगों की हालत क्या होगी। कहा जाता है कि नाग से ज्यादा खूंखार और खतरनाक नागिन होती है।

सर्प मित्र को दी मोबाइल पर सूचना

ऐसे में नाग-नागिन का यह जोड़ा देखते ही वहां मौजूद लोगों ने बिना कोई देर किए इसकी सूचना सर्प मित्र विशाल विश्वकर्मा को दी। सूचना मिलते ही सर्प मित्र विशाल मौके पर पहुंचे और नाग-नागिन का रेस्क्यू शुरू किया।

दस मिनट की मशक्कत के बाद पकड़ा

करीब 10 मिनट की मशक्कत के बाद वे दोनों को पकड़ कर बाहर लाने में सफल हुए। इसके बाद नाग-नागिन के जोड़े को जंगल में ले जाकर उनके प्राकृतिक परिवेश में छोड़ दिया गया। इसके बाद परिवार के लोगों ने राहत महसूस की।

यहां देखें नाग-नागिन के जोड़े का रेस्क्यू का वीडियो…

कई बार की दोनों ने डंसने की कोशिश

नाग-नागिन के रेस्क्यू का वीडियो को देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है कि दोनों ही कितने आक्रामक अंदाज में हैं। रेस्क्यू के दौरान दोनों बेहद आक्रामक अंदाज में फुफकारते रहे। यही नहीं इस बीच वे लगातार फन उठाकर डंसने की कोशिश भी करते रहे।

झाड़-फूंक के चक्कर में बिल्कुल न रहें

रेस्क्यू के बाद जानकारी देते हुए सर्प मित्र विशाल विश्वकर्मा ने बताया कि यह कोबरा नाग-नागिन का जोड़ा है। यदि इनके डंसने की कहीं कोई घटना होती है तो झाड़-फूंक के चक्कर में रहने के बजाय सीधे मेडिकल इलाज कराना चाहिए। अन्यथा जान जा सकती है।

Uttam Malviya

उत्तम मालवीय : मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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