बैतूल-इंदौर हाईवे पर नाम के लिए बनाया अंडर ब्रिज, कैसे करें यहां से आवाजाही
बैतूल-इंदौर नेशनल हाईवे (फोरलेन) का निर्माण तो कंपनी के द्वारा आनन फानन में कर दिया, लेकिन अब इसकी खामियां एक-एक कर उजागर हो रही है। आलम यह है कि जिन गावों के पास से फोरलेन बना है वहां ग्रामीणों के लिए आने-जाने के लिए रास्ता तक नहीं छोड़ा है। इससे यह नेशनल हाईवे उनके लिए आफत साबित हो रहा है।
मजबूरी में खतरा उठाकर फोरलेन से ही आवाजाही कर रहे ग्रामीण, नहीं हो रही सुनवाई
⇓ मनोहर अग्रवाल, खेड़ी सांवलीगढ़
बैतूल-इंदौर नेशनल हाईवे (फोरलेन) का निर्माण तो कंपनी के द्वारा आनन फानन में कर दिया, लेकिन अब इसकी खामियां एक-एक कर उजागर हो रही है। आलम यह है कि जिन गावों के पास से फोरलेन बना है वहां ग्रामीणों के लिए आने-जाने के लिए रास्ता तक नहीं छोड़ा है। इससे यह नेशनल हाईवे उनके लिए आफत साबित हो रहा है।
इस हाईवे पर स्थित ग्राम पंचायत जोगली के हौसीलाल गंगारे ने बताया कि जनता ने चक्काजाम किया तो अंडर ब्रिज बना दिया पर लोग इससे आवाजाही नहीं कर सकते। वजह यह है कि अंडर ब्रिज में पानी जमा रहता है। ऐसे में आने-जाने वालों को जान जोखिम में डाल कर फोरलेन पार करना पड़ता है।
स्कूल के मेन गेट पर खोद दिया गड्ढा
प्राथमिक स्कूल के मेन गेट पर फोरलेन बनाने वाली कंपनी ने गड्ढा खोदा है। जिससे कंपनी ने मिट्टी तक नहीं हटाई ना स्कूल में आने जाने के लिए मार्ग बना कर दिया। इससे कभी भी कोई दुर्घटना हो सकती है।
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जान जोखिम में डाल जा रहे बच्चे
मिट्टी की खोदाई होने से बच्चे अपनी जान जोखिम में डाल कर स्कूल में जाते हैं। इस मिट्टी के जमाव से अंडर ब्रिज के अंदर पानी भरा हुआ है। इससे आने-जाने की व्यवस्था नहीं है।
अफसरों की बात भी की अनसुनी
यहां जब ब्रिज बनना था तब बड़े अधिकारियों ने काम करने वाली कंपनी से कहा था कि आपको ब्रिज भी बनाना है और निकासी की व्यवस्था भी करना है। साथ ही फोरलेन पर चढ़ने के लिए मार्ग बनाकर भी देना है। पर ब्रिज के पास ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है।
कहीं भी नहीं हो रही सुनवाई
किसान फगन खोड़के और चमनलाल गावडे कहते हैं कि हमने आवेदन-निवेदन कर दिया पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। पंचायत में निवेदन कर दिया पर कोई काम नहीं हुआ। वहीं अंडर ब्रिज पर गड्ढे हो गए हैं, वे ही नही भरे जा रहे। जगह-जगह सड़क की धज्जियां उड़ रही है।