Shiv Mandir Khedla Kila : हे भोले, आना तो चाहते हैं पर कीचड़ से भरे इस मार्ग से कैसे पहुंचे..?

Shiv Mandir Khedla Kila : सावन का महीना भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा के लिए बेहद शुभ है। ऐसा माना जाता है कि इस माह में महादेव की पूजा करने से प्रभु जल्द प्रसन्न होते हैं और भगवान शिव जातक की सभी मुरादें पूरी करते हैं।

Shiv Mandir Khedla Kila : हे भोले, आना तो चाहते हैं पर कीचड़ से भरे इस मार्ग से कैसे पहुंचे..?

रिमझिम फुहारों के बीच हर हर महादेव की गूंज, शिव मंदिरों में भक्तों का तांता

⇓ लोकेश वर्मा, मलकापुर (बैतूल)

Shiv Mandir Khedla Kila : सावन का महीना भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा के लिए बेहद शुभ है। ऐसा माना जाता है कि इस माह में महादेव की पूजा करने से प्रभु जल्द प्रसन्न होते हैं और भगवान शिव जातक की सभी मुरादें पूरी करते हैं।

सावन में कांवड़ यात्रा की परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है। इस दौरान शिव भक्तों में बेहद खास उत्साह देखने को मिलता है। शहर से लेकर देहात तक के सभी शिवालयों में भक्तों की अपार भीड़ जुटती है।

सुबह 5 बजे विशेष श्रृंगार (Shiv Mandir Khedla Kila)

Shiv Mandir Khedla Kila : हे भोले, आना तो चाहते हैं पर कीचड़ से भरे इस मार्ग से कैसे पहुंचे..?

जिले के प्रसिद्ध खेड़ला किले के प्राचीन शिव मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालु दर्शन और अभिषेक करने पहुंचे। भगवान शिव का सुबह 5 बजे विशेष श्रृंगार भी किया। इस बार का सावन मास सोमवार से ही प्रारंभ हुआ है। भोलेबाबा का जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक कर सुख-शांति, समृद्धि की कामना के लिए श्रद्धालु हाथों में जल लिए पहुंच रहे हैं।

भक्तों की आस्था को ठेस (Shiv Mandir Khedla Kila)

बैतूल-आमला मुख्य मार्ग में खेड़ली जोड़ से लगभग दो किलोमीटर भीतर स्थित प्राचीन शिव मंदिर खेड़ला किला का पहुंच मार्ग इन दिनों बदहाली के आंसू बहा रहा है। मार्ग पर कीचड़ के कारण श्रावण मास में शिवजी को मनाने पहुंच रहे भक्तों की आस्था को उस वक्त ठेस लगती है जब वह यहां पहुंचने के लिए कीचड़ भरे रास्ते से होकर गुजरते हैं।

श्रद्धालु खेड़ली जोड़ से ही लौटे (Shiv Mandir Khedla Kila)

प्राचीन शिव मंदिर पहुंचने के दो मार्ग हैं। एक सोमवारी से और दूसरा खेडली जोड़ से। दोनों मार्ग की हालत पहले से ही दयनीय थी। कहीं गिट्टी उखड़ रही थी तो कहीं बड़े-बड़े गड्ढे थे। वर्षा के पूर्व यहां हुए नल जल योजना के कार्य से बचे मार्ग की भी धज्जियां उड़ चुकी है। जिसमें बाइक सवार कीचड़ में फिसलकर अनियंत्रित होकर गिर रहे हैं।

पगडंडी भी अब चलने लायक नहीं (Shiv Mandir Khedla Kila)

बारिश होने से बाकी बचा हुआ पगडंडीनुमा कच्चा रास्ता भी अब पैदल चलने लायक नहीं है। कच्ची सड़क पर कीचड़ फैल गया है। दोनों पहुंच मार्ग कीचड़ युक्त हो जाने के लिए भक्त परेशान हो रहे हैं। शासन का इस ओर कोई ध्यान भी नहीं है। पूरे मार्ग पर पैदल चलने लायक जगह खोजना पड़ रही है।

Shiv Mandir Khedla Kila : हे भोले, आना तो चाहते हैं पर कीचड़ से भरे इस मार्ग से कैसे पहुंचे..?

सावन भर उमड़ती अपार भीड़ (Shiv Mandir Khedla Kila)

शिव मंदिर के पुजारी पंडित शिवम साबले ने बताया कि सावन भर श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ती है। खासकर सोमवार, परंतु कीचड़ होने से इस बार मंदिर में चहल-पहल कम रही। कुछ श्रद्धालु कीचड़ व कच्चे रास्तों के बीच परेशान होकर पहुंचे तो कुछ श्रद्धालु खेड़ली जोड़ पर से ही वापस लौट गए।

चुनाव निपटते ही भूले वादे (Shiv Mandir Khedla Kila)

यहाँ आज तक किसी जनप्रतिनिधि का ध्यान भी इस ओर नहीं गया। चुनावी वादों में इन रास्तों का जिक्र किया जाता है, लेकिन उसके बाद कोई देखने भी नहीं आता। मार्ग सुधार को लेकर कोई पहल नहीं हुई।

निकलेगी भव्य कांवड़ यात्रा

भोलेनाथ को प्रसन्न करने का आसान उपाय कावड़ यात्रा भी है। सावन मास में शिवभक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कावड़ यात्रा निकालते हैं और पवित्र नदी का जल लेकर कठिन व्रत का पालन करते हुए घर के पास या किसी पौराणिक शिवालय में जल अर्पित करते हैं। मान्यता है कि इससे भक्त की मनोकामना पूरी होती है।

12 अगस्त को होगा आयोजन

मंदिर के पुजारी पंडित शिवम साबले ने बताया कि पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी क्षेत्र की सबसे बड़ी भव्य कांवड़ यात्रा का आयोजन 12 अगस्त सोमवार के दिन किया जा रहा है। जिसमें क्षेत्र के सैकड़ों शिवभक्त खेड़ी घाट से मां ताप्ती का जल भरकर पदयात्रा कर प्राचीन शिव मंदिर खेड़ला किला पहुंचकर जलाभिषेक कर क्षेत्र की खुशहाली की कामना करेंगे।

गत वर्ष भी निकली थी यात्रा

गत वर्ष भी क्षेत्र की सबसे बड़ी भव्य कांवड़ यात्रा निकाली गई थी। जिसमें क्षेत्र के आसपास के दर्जनों गांव के सैकड़ों महिलाएं, पुरुष एवं बच्चे बूढ़े जवान सभी वर्गों के शिवभक्त शामिल हुए थे।

Uttam Malviya

उत्तम मालवीय : मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button