NDU Gandhi Nagar : डॉ. आनंद कुमार त्रिपाठी ने छात्रों को बताई बीएनएस की विशेषताएं
NDU Gandhi Nagar : भोपाल। भारत सरकार ने राजद्रोह को पूरी तरह से समाप्त कर दिया है। इसके स्थान पर ऐसे कृत्य जिससे भारत की एकता, अखण्डता और संप्रभुता पर विघटनकारी विचारधारा से खतरा कारित हो जैसे प्रावधान सम्मिलित किया गया है। क्योंकि भारत में लोकतंत्र है और सबको बोलने का अधिकार है।
NDU Gandhi Nagar : भोपाल। भारत सरकार ने राजद्रोह को पूरी तरह से समाप्त कर दिया है। इसके स्थान पर ऐसे कृत्य जिससे भारत की एकता, अखण्डता और संप्रभुता पर विघटनकारी विचारधारा से खतरा कारित हो जैसे प्रावधान सम्मिलित किया गया है। क्योंकि भारत में लोकतंत्र है और सबको बोलने का अधिकार है।
पहले आतंकवाद की कोई व्याख्या ही नहीं होती थी, लेकिन अब अलगाव, सशस्त्र विद्रोह, विध्वंसक गतिविधियां, अलगाववाद, भारत की एकता, संप्रभुता और अखंडता को चुनौती देने जैसे की पहली बार इस कानून में व्याख्या की गई है और इससे जुड़ी संपत्तियों को ज़ब्त करने का अधिकार भी दिया गया है।
राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय गाँधी नगर, गुजरात के एडजंक्ट प्रो वीसी डॉ. आनंद कुमार त्रिपाठी ने भोपाल में न्यूज पोर्टल एमपी पोस्ट के दो दशक पूरे होने के अवसर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, एलएनसीटी यूनिवर्सिटी और सेज यूनिवर्सिटी में विशेष शृंखला के अंतर्गत आयोजित विशेष व्याख्यान के दौरान यह बात कही।
न्याय संहिता का आधार भारतीय संस्कृति
भारतीय न्याय संहिता पर एमसीयू के जनसंचार विभाग में विशेष व्याख्यान में डॉ. आनंद त्रिपाठी ने भारतीय वांग्मय के कई ग्रंथों, गीता, रामचरित मानस और आधुनिक रचनाकारों जैसे मैथिली शरण गुप्त आदि की रचनाओं का उदाहरण रखते हुए मौजूदा न्याय संहिता के कई कानूनों का जिक्र किया। आनंद कुमार त्रिपाठी ने बहुत रोचक अंदाज में भारतीय न्याय संहिता को केन्द्र में रखकर अपनी काव्य रचना के अंश का पाठ भी किया। उन्होंने कहा कि बहुत सरल भाषा में संहिता के नियमों को आम लोगों तक पहुँचाया जा सकता है।
जर्नलिज्म की स्किल्स की दी जानकारी
इससे पूर्व वरिष्ठ पत्रकार सरमन नगेले ने विषय की पूर्वपीठिका रखते हुए छात्रों से संवाद के दौरान उन्हें डिजिटल मीडिया में जर्नलिज्म की संभावनाओं और आवश्यक स्किल्स की जानकारी दी। उन्होंने छात्रों के साथ अपने अनुभव साझा करते हुए संसदीय रिपोर्टिंग और इलेक्शन जर्नलिज्म के मुख्य पहलुओं की जानकारी देते हुए सूचना की प्रामाणिकता पर ध्यान देने का सुझाव दिया।
कानूनी समस्याओं की जिज्ञासाओं का किया समाधान
डॉ. त्रिपाठी ने वर्तमान समय में उठ रहे कानूनी समस्याओं पर विद्यार्थियों के सवालों का जवाब देते हुए उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया। विभागाध्यक्ष डॉ. आरती सारंग ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रदीप डेहरिया ने किया। विभाग के वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक डॉ लाल बहादुर ओझा ने आभार प्रदर्शन किया। इस मौके पर विभाग के प्राध्यापक आईआईएमसी के पूर्व डीजी प्रोफेसर संजय द्विवेदी सहित समस्त संकाय सदस्य और विद्यार्थी मौजूद रहे।
एलएनसीटी यूनिवर्सिटी में भी किया मार्गदर्शन
स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन और स्कूल ऑफ लीगल स्टडीज, एलएनसीटी यूनिवर्सिटी भोपाल में भारतीय न्याय संहिता पर विशेष व्याख्यान के दौरान डॉ. आनंद कुमार त्रिपाठी ने बतौर मुख्य अतिथि भारतीय न्याय संहिता के प्रावधानों को उल्लिखित करते हुये बताया कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) में आईपीसी के अधिकांश अपराधों को बरकरार रखा गया है।
सामुदायिक सेवा भी सजा के तौर पर शामिल
इसमें धारा 4 में सामुदायिक सेवा को भी सज़ा के रूप में शामिल किया गया है। इसके अलावा भारतीय न्याय संहिता में वर्णित प्रावधानों को विस्तार से समझाते हुये धर्म और कानून से नियंत्रित होने वाली रूपरेखाओं के बारे में भी चर्चा की। कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ पत्रकार और एमपी पोस्ट के मुख्य संपादक सरमन नगेले ने विषय प्रवर्तन करते हुए छात्रों से संवाद के दौरान उन्हें डिजिटल मीडिया में जर्नलिज्म की संभावनाओं और आवश्यक दक्षता की जानकारी दी।
सूचना की प्रामाणिकता पर ध्यान देने का सुझाव
उन्होंने छात्रों के साथ अपने अनुभव साझा करते हुए संसदीय रिपोर्टिंग और इलेक्शन जर्नलिज्म के मुख्य पहलुओं की जानकारी देते हुए सूचना की प्रामाणिकता पर ध्यान देने का सुझाव दिया। एलएनसीटी समूह के सचिव डॉ. अनुपम चौकसे ने मुख्य वक्ता और वक्ता का शाल और श्रीफल से स्वागत किया।
कार्यक्रम में यह हुए प्रमुख रूप से शामिल
इस मौके पर एलएनसीटी यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ अजीत कुमार सोनी, स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन की विभागाध्यक्ष डॉ. अनु श्रीवास्तव, स्कूल ऑफ लीगल स्टडीज की विभागाध्यक्ष डॉ. अनुष्का नायक समेत बड़ी संख्या में शिक्षक और विद्यार्थी शामिल हुए। डॉ. त्रिपाठी ने कानूनी समस्याओं पर विद्यार्थियों के सवालों का जवाब देते हुए उनकी जिज्ञासाओं का समाधान भी किया।
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सेज यूनिवर्सिटी भोपाल में शिक्षक दिवस पर आयोजन
सेज यूनिवर्सिटी भोपाल में, शिक्षक दिवस के अवसर पर यूनिवर्सिटी के जर्नलिज्म एन्ड मास कम्युनिकेशन विभाग में आंतरिक सुरक्षा और रोजगार के अवसर एवं भारतीय न्याय संहिता विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। इसमें डॉ. आनंद कुमार त्रिपाठी ने जर्नलिज्म एन्ड मॉस कम्युनिकेशन, लॉ एंड लीगल स्टडीज एवं आर्ट्स एन्ड ह्यूमैनिटीज के छात्रों को भारतीय उपनिषदों के उदाहरणों के माध्यम से सरल भाषा में भारतीय न्याय संहिता के बिंदुओं के बारे में विस्तार से समझाया।
देश का एकमात्र रक्षा विश्वविद्यालय
प्रोफेसर त्रिपाठी भारतीय रक्षा विश्वविद्यालय में रिसर्च एंड पब्लिकेशन के डीन हैं, ने बताया कि राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय, देश का एकमात्र रक्षा विश्वविद्यालय है, जो गृह मंत्रालय भारत सरकार के अधीन संचालित है।
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डिजिटल मीडिया में जर्नलिज्म की संभावना
चीफ एडिटर एमपी पोस्ट, सरमन नगेले ने विद्यार्थियों से संवाद के दौरान उन्हें डिजिटल मीडिया में जर्नलिज्म की संभावनाओं, फेक न्यूज़, फैक्ट चेक और आवश्यक स्किल्स की जानकारी दी, उन्होंने छात्रों के साथ अपने अनुभव साझा करते हुए संसदीय रिपोर्टिंग और इलेक्शन जर्नलिज्म के मुख्य पहलुओं की जानकारी देते हुए सूचना की प्रामाणिकता पर ध्यान देने का सुझाव दिया। कार्यक्रम में सेज विश्वविद्यालय के उप कुलपति डॉ. अंकुर सक्सेना ने अतिथि विद्वानों का स्वागत और सम्मान करते हुए, उनके व्याख्यान को छात्रों के लिए समयोचित बताया।
विद्यार्थियों ने सवाल कर शांत की जिज्ञासाएं
डॉ आनंद कुमार डॉ त्रिपाठी ने विद्यार्थियों के सवालों का जवाब देते हुए उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया। इस अवसर पर छात्रों सहित विश्वविद्यालय के जर्नलिज़्म एन्ड मास कम्युनिकेशन, लॉ एंड लीगल स्टडीज, एवं आर्ट्स एन्ड ह्यूमैनिटीज विभागों के डीन, एच.ओ .डी और फैकल्टी भी उपस्थित रहे। सेज ग्रुप की कार्यकारी निदेशक सुश्री शिवानी अग्रवाल ने व्याख्यान के आयोजन की सराहना की और अतिथि विद्वानों को धन्यवाद व शुभकामनाएं दीं।
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