Betul Teak : मशहूर है एमपी के बैतूल का सागौन, विदेशों में है इसकी खासी डिमांड
Betul Teak : बैतूल वुडन क्लस्टर के माध्यम से वन स्टाप सेंटर को विकसित किया जाए। आईटी टेक्नोलॉजी के माध्यम से व्यवस्था की जाए कि जिले के समस्त प्रकार के लकड़ी व्यापारियों एवं उनके उत्पादों की जानकारी आमजन को एक स्थान पर मिल सके। अपर मुख्य सचिव वन अशोक बर्णवाल गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत सागौन एवं उससे बने उत्पादों को जिले के प्रमुख उत्पाद पर केंद्रित समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।
Betul Teak : बैतूल। वुडन क्लस्टर के माध्यम से वन स्टाप सेंटर को विकसित किया जाए। आईटी टेक्नोलॉजी के माध्यम से व्यवस्था की जाए कि जिले के समस्त प्रकार के लकड़ी व्यापारियों एवं उनके उत्पादों की जानकारी आमजन को एक स्थान पर मिल सके। अपर मुख्य सचिव वन अशोक बर्णवाल गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत सागौन एवं उससे बने उत्पादों को जिले के प्रमुख उत्पाद पर केंद्रित समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।
बैठक के पूर्व एसीएस द्वारा एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत ग्राम कढ़ाई में 20 हेक्टेयर भूमि पर निर्मित किये जा रहे वुडन एवं फर्नीचर क्लस्टर का स्थल निरीक्षण किया गया। इस अवसर पर प्रधान मुख्य संरक्षक एवं वनबल प्रमुख असीम श्रीवास्तव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (केम्पा) महेन्द्र सिंह धाकड़, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (विकास) यूके सुबुद्धि, मुख्य वन संरक्षक पीएन मिश्रा, संभाग आयुक्त नर्मदापुरम कृष्ण गोपाल तिवारी, कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अक्षत जैन एवं वन प्रशासन के अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी ने बताया कि एसपीवी द्वारा क्लस्टर के निर्माण हेतु सीसी रोड, नाली, निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। वूडन एवं फर्नीचर क्लस्टर में उद्योगों की स्थापना हेतु नवीन उद्योगपतियों एवं काष्ठ व्यापारियों को एसपीवी से जोड़ने की कार्यवाही की जा रही है। इसके अलावा वन प्रशासन के सहयोग से वुडन क्लस्टर के अप्रोच मार्ग को एनएच-69 से जोड़ने की उपलब्धि प्राप्त की गई है।
ब्रांड के रूप में विकसित करने के दिए निर्देश
समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री बर्णवाल द्वारा उद्योग संघ बैतूल एवं टीम्बर एसोसिएशन के विभिन्न पदाधिकारियों द्वारा दिए गए सुझावों एवं समस्याओं पर चर्चा की गई। अपर मुख्य सचिव द्वारा बैतूल जिले में स्थापित किये जाने वाले वुडन क्लस्टर को सम्पूर्ण देश भर में सागौन उत्पाद से संबंधित एक ब्रांड के रूप में विकसित किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। जिससे जिले में अधिक से अधिक रोजगार के अवसर का सृजन किया जा सके।
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स्थानीय लोगों की आय में हो सके वृद्धि
बैतूल जिले के स्थानीय लोगों की आय में वृद्धि हो तथा बैठक में जिला प्रशासन द्वारा बैतूल जिले में पाये जाने वाले तेलीया सागौन को बैतूल टीकवुड जीआई टैग के रूप में पहचान दिलाने के संबंध में की गई कार्यवाही से अवगत कराया गया।
काष्ठ आधारित प्रशिक्षण दिलाया जाएं
अपर मुख्य सचिव श्री बर्णवाल ने जिले के उद्योगपतियों एवं व्यापारियों को वुडन क्लस्टर के विकास में कार्य करने हेतु निर्देशित किया। उन्होंने जिले की सागौन को ब्रांड के रूप में विकसित करने तथा उच्च गुणवत्ता को सुनिश्चित करने हेतु व्यापारियों को ग्रेडिंग सिस्टम निर्माण के सुझाव दिए, जिससे सागौन के नाम से की जा रही धोखाधड़ी से बचा सके।
एक हजार से अधिक लोगों का कौशल उन्नयन
इसके अलावा जिले के व्यापारियों को उनके उत्पादों का प्रतिस्पर्धात्मक लागत लाभ उठाने के संबंध में प्रयास करने हेतु निर्देशित किया गया। अपर मुख्य सचिव द्वारा आगामी समय में कौशल उन्नयन हेतु लगभग एक हजार से अधिक लोगों को काष्ठ आधारित प्रशिक्षण दिलाए जाने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए।
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प्रतिवर्ष 100 करोड़ का मिल रहा राजस्व
बैतूल जिले में 3707.07 वर्ग किमी वन क्षेत्र है जो, कुल क्षेत्र का 37 प्रतिशत है। जिले में शुष्क पर्णपाती वन क्षेत्र होने से सागौन पृष्ठ काष्ठ पर सुंदर धारियां पाई जाती है। बैतूल के सागौन में तैलीय पदार्थ पाया जाता है, जो काष्ठ को चमक प्रदान करता है जिससे सागौन का महत्व बढ़ जाता है।
मुलताई का तैलीय सागौन बेहद प्रसिद्ध
तैलीय सागौन मुख्यत: मुतलाई वन क्षेत्र के 5 कक्षों में 1125.11 हेक्टेयर में फैला है। जिले में प्रतिवर्ष लगभग 18 हजार घनमीटर सागौन उत्पादन होता है। इस उत्पादन का लगभग 70 प्रतिशत प्रदेश से बाहर के एवं लगभग 30 प्रतिशत प्रदेश एवं बैतूल जिले के व्यापारियों द्वारा क्रय किया जाता है। सागौन के विक्रय से बैतूल को लगभग 100 करोड़ रुपए का राजस्व प्रतिवर्ष प्राप्त होता है।
जिले में लकड़ी आधारित इतना है उद्योग
जिले में 60 आरा मशीन, 200 फर्नीचर निर्माण इकाइयां एवं 3 शिल्पकार पंजीकृत है। सागौन काष्ठ से हस्तशिल्प की मूर्तियां, विनियर प्लाईवुड, फर्नीचर, मकानों की चौखट, दरवाजे, खिलौने डेकोरेटिव आइटम एवं अन्य कलाकृतियों का निर्माण किया जाता है। इन व्यावसायिक गतिविधियों से अनुमानित 25 करोड़ रुपए का प्रतिवर्ष व्यापार होता है एवं जिलों की 2 इकाई द्वारा लगभग 10 करोड़ राशि का निर्यात यूरोपिन देशों में किया जाता है। इसके अलावा बैतूल जिले में विगत 5 वर्षों में लगभग 56578.012 घन मीटर सागौन का उत्पादन किया गया है।
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सागौन की जीआई टैगिंग
जिले के तैलीया सागौन को राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाए जाने हेतु जिओ टैग पंजीकरण की कार्यवाही की जा रही है। सागौन की जीआई टैगिंग हेतु G.I. Registry पोर्टल पर बैतूल टीक वुड नाम से फाइल कर दी गई है। वर्तमान में आवेदन अंतिम चरण पर है। जिसमे जीआई ऑफिस चेन्नई की सीजीएम मीटिंग के पश् पश्चात बैतूल सागौन का GIR Journal में स्वीकृत एवं प्रकाशित होने के पश्चात जीआई टैग प्रदान किया जाएगा।
जीआई टैगिंग से सागौन एवं उनके उत्पाद के विक्रय हेतु अधिक से अधिक क्रेता को बढ़ाना एवं स्थानीय स्तर पर वुडन क्लस्टर स्थापित कर सागौन एवं सागौन काष्ठ की खपत को बढ़ाना, स्थानीय विनिर्माता एवं व्यापारी की आय में वृद्धि करना एवं स्थानीय जनता को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर प्रदान करना जीआई टैगिंग के मुख्य उद्देश्य है।
इकाइयों से 3 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार
जिले के सागौन की महत्वता एवं स्थानीय व्यवसायियों को व्यवसाय में सुविधा प्रदान करने एवं एक जिला एक उत्पाद के रूप में पृथक पहचान स्थापित करने की दृष्टि से एमएसएमई विभाग के सहयोग से एसपीवी बैतूल क्लस्टर डेव्हलपमेंट एसोसिएशन द्वारा भोपाल-नागपुर एनएच.69 पर स्थित ग्राम कढ़ाई के 20 हे. शासकीय भूमि पर वुडन क्लस्टर का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें व्यवसाय हेतु 101 भूखण्ड विकसित किये जाएंगे।
वुडन क्लस्टर में मौजूद होंगी यह सुविधाएं
वूडन क्लस्टर में 101 औद्योगिक इकाइयों में लगभग 3 हजार लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। यहां लगभग 200 करोड़ रु. राशि का अनुमानित निवेश किया जाएगा। वुडन क्लस्टर में सुविधाओं हेतु सिंगल विंडो प्लेटफार्म स्थापित किया जाएगा, जिसमें बैंक, ए.टी.एम., कैंटीन, मीटिंग हाल, ट्रेनिंग हाल, फायर बिग्रेड स्टेशन, वन विभाग एवं उद्योग विभाग का कार्यालय बनाया जाएगा। वुडन क्लस्टर में फर्निचर, प्लायवुड, पार्टीकल बोर्ड, विनियर, एम.डी.एफ., खिलौना, डेकोरेटिव आइटम प्रकार के उद्योगों में जीरो वेस्टेज पॉलिसी के तहत लकड़ी का पूर्ण उपयोग किया जाएगा। वर्तमान में निवेश हेतु इच्छुक 22 उद्योगपतियों को भूमि आवंटन हेतु चिन्हित किया गया है।
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विनिर्माण इकाइयों के लिए विशिष्ट सहायता
प्रदेश में समावेशी विकास, रोजगार के अवसर निर्मित करने तथा नवाचार एवं उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए फर्नीचर संबंधित विनिर्माण इकाइयों को उद्योग विकास अनुदान, ब्याज अनुदान, विद्युत शुल्क में छूट, विद्युत टैरिफ में सहायता, पंजीयन शुल्क और स्टाम्प ड्यूटी की प्रतिपूर्ति, गुणवत्ता प्रमाणीकरण पर प्रोत्साहन, कौशल विकास एवं प्रशिक्षण पर व्यय की प्रतिपूर्ति, रोजगार सृजन अनुदान, निर्यात सहायता तथा प्रोडक्ट डिजाईन/टेक्नोलॉजी ट्रांसफर हेतु प्रतिपूर्ति, पेमेंट एवं डिजाईन पंजीयन हेतु प्रतिपूर्ति, अपशिष्ट प्रबंधन, हरित पहल पर प्रतिपूर्ति सहायता दी जाएगी।
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