MP Revenue Officer : एमपी में संसाधनों की कमी से राजस्व अधिकारी खफा, दिया यह अल्टीमेटम
MP Revenue Officer : राजस्व अधिकारियों ने राजस्व महाभियान 2.0 के तहत अत्यधिक दबाव और संसाधनों की कमी के चलते मुख्यमंत्री, राजस्व मंत्री और राजस्व विभाग के सचिव के नाम कलेक्टर बैतूल को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में अनुरोध किया गया है कि वे राजस्व अधिकारियों को उचित संसाधन उपलब्ध कराएं और उन्हें अत्यधिक दवाब से मुक्त करें।
MP Revenue Officer : राजस्व अधिकारियों ने राजस्व महाभियान 2.0 के तहत अत्यधिक दबाव और संसाधनों की कमी के चलते मुख्यमंत्री, राजस्व मंत्री और राजस्व विभाग के सचिव के नाम कलेक्टर बैतूल को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में अनुरोध किया गया है कि वे राजस्व अधिकारियों को उचित संसाधन उपलब्ध कराएं और उन्हें अत्यधिक दवाब से मुक्त करें।
ज्ञापन में कहा गया है कि राजस्व महाभियान 2.0 के तहत अधिकारियों पर काम का अत्यधिक दबाव है। तकनीकी स्टाफ और पर्याप्त संसाधनों की कमी के चलते प्रक्रिया पूरी होने में समय लगता है, जिससे काम की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। राजस्व अधिकारियों का कहना है कि अन्य विभागीय कार्यों के साथ-साथ कानून व्यवस्था, प्रोटोकॉल और अन्य विविध कार्यों में भी उन्हें शामिल होना पड़ता है, जिससे उनका कार्यभार बढ़ जाता है।
बढ़ रहा मानसिक तनाव-अवसाद
राजस्व अधिकारियों ने बताया कि रूक्करु्रष्ट एमपीएलएसी के प्रावधानों का पालन न करने पर अधिकारियों पर दंडात्मक कार्यवाही की जा रही है, जिससे उनमें मानसिक तनाव और अवसाद बढ़ रहा है। ज्ञापन में अधिकारियों ने कहा कि पूर्व राजस्व अभियानों में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा बंटान की कार्यवाही नियमानुसार न होने से कई तहसीलदारों के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की गई है।
एसओपी जारी करने की मांग
अधिकारियों ने मांग की है कि यदि एलआरसी की प्रक्रिया का पालन करना संभव नहीं है तो एक एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) जारी किया जाए ताकि वे विधि सम्मत तरीके से काम कर सकें। इसके अलावा, अधिकारियों ने स्थानांतरण, पदोन्नति, अतिरिक्त वेतन, स्वास्थ्य सेवाएं और अन्य सुविधाओं की मांग भी की है।
- Read Also : King Cobra Video : झोपड़ी में बैठा था 12 फीट का किंग कोबरा, तेवर देख छूट गए लोगों के पसीने
नहीं मिलता अतिरिक्त मानदेय
ज्ञापन में अधिकारियों ने कहा कि राजस्व विभाग के अधिकारी और कर्मचारी 24&7 काम करते हैं और अवैध अतिक्रमण, दंगा, प्राकृतिक आपदा के समय अपनी जान की परवाह किए बिना जनहित का कार्य करते हैं। इसके बावजूद, उन्हें कोई अतिरिक्त मानदेय या सुविधा नहीं मिलती।
- Read Also : Betul’s famous food item : यहां रोज चट कर जाते हैं 50 किलो दाल के भाजी बड़े, खास है इनका स्वाद
बढ़ती कीमत से बढ़ रहे विवाद
अधिकारियों ने कहा कि जमीनों की बढ़ती कीमतों के कारण विवाद बढ़ रहे हैं और उनका समाधान न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत ही किया जा सकता है। इसके लिए प्रक्रिया में समय दिया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अविवादित नामांतरण और बंटवारे हेतु ई-पंजी की व्यवस्था क्रष्टरूस् आरसीएमएस में दी जाए और विवादित मामलों का समाधान सिविल न्यायालय से कराया जाए।
सामूहिक अवकाश पर जाने होंगे बाध्य
ज्ञापन में मांग की गई है कि राजस्व अधिकारियों की समस्याओं पर गंभीरता से विचार किया जाए और 15 दिनों के भीतर समाधान निकाला जाए, अन्यथा वे सामूहिक अवकाश पर जाने के लिए बाध्य होंगे।