Seekho Kamao Yojana : सीखो कमाओ योजना के प्रशिक्षु भविष्य को लेकर चिंतित

Seekho Kamao Yojana : मध्यप्रदेश में युवाओं को नौकरी और स्वरोजगार के अवसर मुहैया कराने मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना शुरू की गई है। वर्ष 2023 से शुरू हुई इस योजना के पहले बैच का प्रशिक्षण समय समाप्त होने को है। इसके बावजूद अभी तक उन्हें नौकरी दिए जाने संबंधी कोई पहल शुरू नहीं हुई है। इसके चलते योजना के तहत प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे युवाओं में भविष्य को लेकर चिंता नजर आ रही है।

Seekho Kamao Yojana : सीखो कमाओ योजना के प्रशिक्षु भविष्य को लेकर चिंतित

Seekho Kamao Yojana : मध्यप्रदेश में युवाओं को नौकरी और स्वरोजगार के अवसर मुहैया कराने मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना शुरू की गई है। वर्ष 2023 से शुरू हुई इस योजना के पहले बैच का प्रशिक्षण समय समाप्त होने को है। इसके बावजूद अभी तक उन्हें नौकरी दिए जाने संबंधी कोई पहल शुरू नहीं हुई है। इसके चलते योजना के तहत प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे युवाओं में भविष्य को लेकर चिंता नजर आ रही है।

योजना के तहत प्रदेश के बैतूल जिले में बिजली कंपनी में भी 80 युवक-युवतियां प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। इनके प्रशिक्षण को अब एक महीना ही शेष है। इसके बावजूद अभी तक इन्हें बिजली कंपनी में नौकरी दिए जाने संबंधी कोई प्रक्रिया प्रारंभ नहीं हो सकी है। यही कारण है कि वे अपने भविष्य को लेकर आशंकित हैं।

युवाओं ने कलेक्ट्रेट में सौंपा ज्ञापन

इसी के चलते बिजली कंपनी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे युवा प्रशिक्षणार्थियों ने हाल ही में कलेक्ट्रेट पहुंच कर ज्ञापन सौंपा। उन्होंने ज्ञापन में कहा है कि योजना के तहत जहां प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, उसी संस्था में 1 साल के प्रशिक्षण के बाद नियमित रोजगार देने की घोषणा पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी।

युवा बोले- उसी पद करें नियमित

उनका प्रशिक्षण शुरू हुए 11 माह हो चुके हैं। अब प्रशिक्षण को एक माह ही शेष है। इसके बावजूद अभी तक उन्हें नियमित किए जाने संबंधी कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है और न ही घोषणा की गई है। उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव से मांग की है कि उनके भविष्य के बारे में सोचते हुए, वे जिस पोस्ट पर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, वहीं नियमित किया जाएं।

क्या है मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना

यह योजना युवाओं को अपने पैरों पर खड़ा होना सिखाने के लिए शुरू की गई है। औपचारिक शिक्षा के उपरातं युवा औद्योगिक एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में रोजगार प्राप्त करने के लिए पर्याप्त कुशल नहीं होते। इसलिए राज्य शासन द्वारा औपचारिक शिक्षा प्राप्त युवाओं को पंजीकृत औद्योगिक एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में On-the-Job-Training (OJT) की सुविधा देने हेतु ”मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना” लागू की गई है। जिससे औद्योगिक एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठान युवाओं को प्रशिक्षित करने तथा युवा ऐसा प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित हों।

हर साल एक लाख युवाओं को लाभ

योजना के तहत प्रतिवर्ष 1 लाख युवाओं को लाभ मिलेगा। आवश्यकतानुसार लक्ष्य बढ़ाया जा सकता हैं। प्रत्येक युवा को राज्य शासन द्वारा ₹1 लाख तक का स्टाइपेंड भी प्रदान किया जाएगा।

योजना के लिए युवाओं की पात्रता

योजना के तहत ऐसे युवा पात्र होंगे, जिनकी आयु 18 से 29 वर्ष तक हो, जो मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासी हों, जिनकी शैक्षणिक योग्यता 12वीं/आईटीआई उत्तीर्ण या उससे उच्च हो। योजना के तहत चयनित युवा को “छात्र-प्रशिक्षणार्थी” कहा जाएगा।

चयनित युवाओं को कितना मिलेगा स्टाइपेण्ड

मध्यप्रदेश के युवाओं को प्रशिक्षण के साथ-साथ प्रतिमाह स्टाइपेण्ड प्राप्त होगा। यह 12वीं उत्तीर्ण को रु. 8000, आईटीआई उत्तीर्ण को रु. 8500, डिप्लोमा उत्तीर्ण को रु. 9000 एवं स्नातक उत्तीर्ण या उच्च शैक्षणिक योग्यता को रु. 10000 स्टाइपेण्ड प्राप्त होगा। स्टाइपेण्ड, कोर्स के लिए निर्धारित न्यूनतम शैक्षणिक अर्हता के आधार पर निर्धारित किया गया है।

इस योजना से युवाओं को यह लाभ

उद्योग-उन्मुख प्रशिक्षण, नवीनतम तकनीक और नवीनतम प्रकिया के माध्यम से प्रशिक्षण, व्यावसायिक प्रशिक्षण के दौरान स्टाइपेण्ड, मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड (MPSSDEGB) द्वारा State Council for Vocational Training (SCVT) का प्रमाणन, नियमित रोज़गार प्राप्त करने की योग्यता अर्जित करना आदि।

Uttam Malviya

उत्तम मालवीय : मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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