Anokha Railway Station : इस स्टेशन पर न एंट्री गेट है न एग्जिट, फिर भी रूकती है ट्रेन…

Anokha Railway Station : रेल हमारे लिए आवाजाही का एक प्रमुख और उपयोगी माध्यम है। भारत ही नहीं बल्कि दुनिया में कहीं भी यदि रेल न हो तो जनजीवन ही ठप हो सकता है। रेलों का देश की उन्नति में भी बेहद महत्वपूर्ण योगदान है। यही कारण है कि रेलवे को देश की जीवन रेखा कहा जाता है।

Anokha Railway Station : इस स्टेशन पर न एंट्री गेट है न एग्जिट, फिर भी रूकती है ट्रेन...
Anokha Railway Station : रेल हमारे लिए आवाजाही का एक प्रमुख और उपयोगी माध्यम है। भारत ही नहीं बल्कि दुनिया में कहीं भी यदि रेल न हो तो जनजीवन ही ठप हो सकता है। रेलों का देश की उन्नति में भी बेहद महत्वपूर्ण योगदान है। यही कारण है कि रेलवे को देश की जीवन रेखा कहा जाता है।

आपमें से कोई भी ऐसा नहीं होगा जिसने आज तक कभी रेल की सवारी नहीं की हो। रेल की यात्रा करने के लिए स्टेशन ही एकमात्र जरिया होता है। जाहिर है कि हम सभी स्टेशन से भी भली भांति वाकिफ हैं कि वे क्या होते हैं।

Anokha Railway Station : इस स्टेशन पर न एंट्री गेट है न एग्जिट, फिर भी रूकती है ट्रेन...

हम यही जानते हैं कि स्टेशन एक ऐसा स्थान होता है जहां पर ट्रेन आती है, रूकती है और यात्रियों को बिठाकर आगे रवाना हो जाती है। इन स्टेशनों पर जाने और आने के लिए अलग-अलग एग्जिट और एंट्री गेट होते हैं। साथ ही सीढ़ियां, लिफ्ट, एस्केलेटर और वेटिंग रूम जैसी सुविधा भी होती है। छोटे स्टेशनों पर भले ही अधिक सुविधाएं न हो पर गेट और आवश्यक सुविधाएं तो यहां भी होती हैं।

चलिए, इतना सब तो आप सभी ने देखा भी है और जानते भी हैं, लेकिन… क्या आप ऐसे किसी स्टेशन की कल्पना कर सकते हैं कि वहां प्रवेश करने और बाहर करने के लिए कोई गेट ही न हो और न ही स्टेशन जैसी कोई सुविधाएं हो…?

Anokha Railway Station : इस स्टेशन पर न एंट्री गेट है न एग्जिट, फिर भी रूकती है ट्रेन...

जाहिर है कि आप कहेंगे ऐसा बिल्कुल संभव नहीं। ऐसे में तो उस स्टेशन पर यात्री न जा सकेंगे और न ही बाहर निकल सकेंगे। सच है… लेकिन यह जानकर आपको और भी आश्चर्य होगा कि ऐसा होने के बावजूद एक ऐसा स्टेशन है… और इस स्टेशन पर बाकायदा ट्रेन रूकती भी है। इतना ही नहीं यहां यात्री ट्रेन से उतरते भी हैं और चढ़ते भी हैं।

हम बता दें कि ऐसा अनोखा स्टेशन सच में है और यह स्टेशन भारत में नहीं, जापान में है। यह स्टेशन दक्षिणी जापान में निशिकिगावा शिरयू लाइन पर है। इस स्टेशन पर एंट्री-एग्जिट कुछ भी नहीं है। इस स्टेशन का नाम शिरयू-मिहार्शी स्टेशन है। इस स्टेशन पर केवल एक प्लेटफॉर्म है।

तो फिर बनाया ही क्यों स्टेशन

यह बात भी सच है कि ट्रेन में सवार होने के लिए कोई यात्री इस स्टेशन पर नहीं पहुंच सकता। और न ही कोई यात्री यहां उतरकर कहीं जा सकता है। इसके बावजूद यहां ट्रेनें रूकती भी हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि जब ऐसा है तो फिर यह स्टेशन बनाया ही क्यों गया..?

इसलिए बनाया गया यह स्टेशन

दरअसल शिरयू-मिहार्शी नामक यह स्टेशन यहां बहने वाली निशिकी नदी के ऊपर बना है। इस इकलौते प्लेटफॉर्म से नदी और उसके पीछे जंगल का शानदार व्यू देखने को मिलता है।

इस व्यू को निहारने का अवसर देने ही यह स्टेशन बनाया गया है। यात्री यहां 10 मिनट रूक कर प्रकृति की सुंदरता को निहारते हैं और फिर अपने सफर पर निकल जाते हैं।

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Uttam Malviya

उत्तम मालवीय : मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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