Betul Ki Badahal Sadak : ख्वाब थे चमचमाती सड़क के, यहां कीचड़ से लथपथ होकर करना पड़ रहा सफर
Betul Ki Badahal Sadak : बैतूल से मलकापुर तक 7 किलोमीटर की 7 करोड़ 20 लाख रुपए की लागत से सड़क बनाई जा रही है। आठ महीने पहले ठेकेदार ने पुरानी सड़क उखाड़कर नई सड़क बनाने का कार्य प्रारंभ किया था। लगभग 2 किलोमीटर डामर डालने के बाद बाकी बची सड़क पर सिर्फ गिट्टी और मुरम बिछाकर काम बंद कर दिया है। जिससे अब लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है।
ठेकेदार की लापरवाही से सड़क पर कीचड़, मुरम डालकर किया निर्माण कार्य बंद, जनप्रतिनिधि और विभाग कर रहे अनदेखी
⇓ लोकेश वर्मा, मलकापुर (बैतूल)
Betul Ki Badahal Sadak : बैतूल से मलकापुर तक 7 किलोमीटर की 7 करोड़ 20 लाख रुपए की लागत से सड़क बनाई जा रही है। आठ महीने पहले ठेकेदार ने पुरानी सड़क उखाड़कर नई सड़क बनाने का कार्य प्रारंभ किया था। लगभग 2 किलोमीटर डामर डालने के बाद बाकी बची सड़क पर सिर्फ गिट्टी और मुरम बिछाकर काम बंद कर दिया है। जिससे अब लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है।
आधी-अधूरी बनी सड़क में बारिश होने से और भी स्थिति खराब हो गई है। ठेकेदार के रवैए से ग्रामीणों के साथ-साथ स्कूली बच्चे, व्यापारियों के अलावा सभी वर्ग परेशान हो रहे हैं। ग्रामीण विजय ने बताया कि बरसात के पूर्व न बनाने की स्थिति में ठेकेदार ने पूरी सड़क को खोदना ही नहीं था। अब पूरे मार्ग पर मुरम बिछी है जिससे स्थिति बहुत ही खराब हो गई रोजाना इसमें लोग गिरकर घायल हो रहे हैं।
ग्रामीण राजेश का कहना है कि सांसद दुर्गादास उइके ने मार्ग का भूमि पूजन किया था। अब वे केंद्र सरकार में मंत्री है। उन्होंने अपने पुराने कार्यकाल में किए वादे और भूमि पूजन की भी नितांत चिंता करना चाहिए ताकि जनता उन पर विश्वास बनाए रखें।
ठेकेदार की मनमानी से परेशान
ग्रामीण मनीष ने बताया कि सड़क का हाल बहुत बुरा हो गया है। ठेकेदार अपनी मनमानी, जनप्रतिनिधि क्षेत्र की उपेक्षा और अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं। इस रबड़ी वाली सड़क से कोई भी जाना नहीं चाहता है अगर भाग्यवश कोई गया तो इस कीचड़ में गिरकर उसकी हालत खराब हो जाती है। इस सड़क को बनाने में आठ महीने से ज्यादा का समय बीत गया है, लेकिन अभी तक इस मार्ग पर केवल मुरम डाल कर छोड़ दिया गया है।
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इस निर्माणाधीन सड़क पर कीचड़ ही कीचड़ फैला हुआ है। जिससे लोगों को आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आए दिन लोग गिरकर घायल हो रहे है वही स्कूल बच्चों का ड्रेस खराब हो जा रहा है। ठेकेदार की लापरवाही का खामियाजा स्थानीय लोगों के अलावा राहगीर भुगतने को विवश है।
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नहीं हो रही कोई मॉनिटरिंग
भारत 15 अगस्त को अपना 77 वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा मगर गांव के विकास की जमीनी हकीकत कुछ और ही है। ग्राम्य भारत अभी भी अपनी मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहा है। एक दर्जन गांवों के ग्रामीण इस बदहाल मार्ग से प्रतिदिन गुजर रहे हैं, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी जनता की समस्या के प्रति कतई गंभीर नहीं है।
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स्थिति यह है कि वर्तमान में पदस्थ अधिकारी तो पूरे मामले से आज भी अनभिज्ञ बने हुए हैं। क्षेत्रवासियों का आरोप है कि सड़क निर्माण में लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर लापरवाही बरत रहे हैं। इस सड़क की मॉनिटरिंग भी नहीं हो रही है। जिस कारण ठेकेदार के कारिंदे सही काम नहीं कर रहे हैं।
इस दिन हुई थी शुरूआत
19 अक्टूबर 2023 को बैतूल-मलकापुर-बरसाली मार्ग 7 करोड़ 20 लाख रुपये की लागत से बनने वाली सड़क के कार्य का शुभारंभ हुआ था। उस दौरान सांसद ने कहा था सड़क की गुणवत्ता अच्छी होंगी। लेकिन ठेकेदार की मनमानी के कारण गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं।
क्षेत्रीय सांसद व केंद्रीय मंत्री दुर्गादास उइके, जिला पंचायत अध्यक्ष राजा पवार, जिला पंचायत अध्यक्ष इमला बाई जावलकर, जिला एवं जनपद पंचायत के सदस्यों सहित मार्ग की समस्त पंचायतों के सरपंच, भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी सहित दायित्ववान कार्यकर्ताओं के साथ 18 मार्च 2023 को सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन किया गया था।