Cancers Best Treatment : यहां जड़ी-बूटियों से होता है कैंसर सहित कई गंभीर बीमारियों का इलाज

Cancers Best Treatment : माना जाता है जितना बड़ा शहर होगा, वहां उतनी ही उन्नत स्वास्थ्य सुविधाएं होंगी। वहीं कैंसर जैसे इलाज की सुविधा तो बड़े-बड़े शहरों में ही होती है। लेकिन क्या आप यकीन करेंगे कि मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में एक ऐसा भी गांव है जहां कैंसर सहित कई गंभीर बीमारियों का नि:शुल्क इलाज होता है..?

Cancers Best Treatment : यहां जड़ी-बूटियों से होता है कैंसर सहित कई गंभीर बीमारियों का इलाज

⊗ छोटे से गांव में नि:शुल्क होता है इलाज, नि:संतान को भी हो जाती है संतान, विदेश तक से आते लोग
⊗ जिन्हें डॉक्टर भी हाथ कर देते हैं खड़े, उन्हें भी मौत के मुँह से निकाल देते हैं बाहर
⊗ तीन पीढ़ियों से कान्हावाड़ी के बाबूलाल भगत का परिवार जड़ी बूटियों से कर रहा नि:शुल्क उपचार

⇓ विनोद पातरिया, बैतूल (मध्यप्रदेश)

Cancers Best Treatment : माना जाता है जितना बड़ा शहर होगा, वहां उतनी ही उन्नत स्वास्थ्य सुविधाएं होंगी। वहीं कैंसर जैसे इलाज की सुविधा तो बड़े-बड़े शहरों में ही होती है। लेकिन क्या आप यकीन करेंगे कि मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में एक ऐसा भी गांव है जहां कैंसर सहित कई गंभीर बीमारियों का इलाज होता है..?

शायद आप यकीन न करें, लेकिन यह एक हकीकत है। बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी तहसील के एक छोटे से गांव कान्हावाड़ी में कैंसर सहित कई गंभीर बीमारियों का इलाज नि:शुल्क होता है। इतना ही नही यहां आने वाले निसंतान दंपती को संतान की प्राप्ति भी हो जाती है। कान्हावाड़ी इलाज करवाने के लिए देश भर के लोगों के साथ ही विदेश तक के लोग भी आते हैं।

Cancers Best Treatment : यहां जड़ी-बूटियों से होता है कैंसर सहित कई गंभीर बीमारियों का इलाज

रविवार-मंगलवार देते हैं दवाइयां

कान्हावाड़ी के बाबूलाल भगत कई वर्षों से सतपुड़ा की वादियों में मिलने वाली जड़ी बूटियों से लोगों का नि:शुल्क उपचार करते हैं। यहां मिलने वाली जड़ी बूटियों से कई कैंसर पीड़ित मरीज को बीमारी से मुक्ति मिली है। इसके साथ ही कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीज भी यहां आकर ठीक हुए हैं। बाबूलाल भगत सप्ताह में 2 दिन रविवार और मंगलवार को दवाइयां देते हैं।

तीसरी पीढ़ी भी कर रही उपचार

कान्हावाड़ी के नाथूराम गोहे ने बताया कि बाबूलाल भगत कई वर्षों से जड़ी बूटियों से कैंसर सहित कई गंभीर बीमारियों का नि:शुल्क उपचार कर रहे हैं। बाबूलाल भगत के पहले उनके पिताजी और अब उनके भतीजे भी जड़ी बूटियों से लोगों का उपचार कर रहे हैं।

Cancers Best Treatment : यहां जड़ी-बूटियों से होता है कैंसर सहित कई गंभीर बीमारियों का इलाज

रेस्टारेंट और लॉज भी खुल गई

यहां हाथ पैर दर्द से लेकर कैंसर तक का उपचार जड़ी बूटियों के माध्यम से होता है। भगत जी के कारण रविवार और मंगलवार को गांव में बहुत भीड़ रहती है इसके चलते गांव वालों ने रेस्टोरेंट और लॉज खोल लिया है। नाश्ते और लोगों के रुकने के कारण ग्रामीणों को रोजगार मिल गया है।

विदेश तक से आते हैं इलाज कराने

कान्हावाड़ी के रामशंकर गोहे ने बताया कि भगत जी के पास जड़ी बूटियों से अपना इलाज करवाने विदेश तक के लोग आते हैं। लोग ठीक भी होते हैं। लोग वापस आकर बताते भी हैं कि वह यहां आकर ठीक हुई है।

डॉक्टर ने किया इंकार, यहां राहत

नागपुर से आई मेघा टांडेकर ने बताया कि मेरे पति को 3 स्टेज का ओरल कैंसर हो गया था। जिसका इलाज कराया गया। डॉक्टर द्वारा ऑपरेशन भी किया गया। लेकिन, एक साल में दोबारा ओरल कैंसर हो जाने पर डॉक्टर ने इलाज से इनकार कर दिया।

इसके बाद हम कान्हावाड़ी गांव में भगत जी के पास पहुंचे। भगत जी की जड़ी बूटियों से इलाज करवाना शुरू किया। जिससे मेरे पति अब बिल्कुल ठीक हैं। वे स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत है।

पद्म भूषण देने की उठ रही मांग

महाराष्ट्र के यवतमाल से आई वर्षा इवने ने बताया कि बीपी और थायराइड की शिकायत लेकर कान्हावाड़ी आई थी। भगत जी की जड़ी बूटियां से दो माह में ही ठीक हो गई।

बाबूलाल भगत जी नि:स्वार्थ भाव लोगों की सेवा कर रहे हैं कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों का निशुल्क उपचार करते हैं। इसलिए सरकार को बाबूलाल भगत जी को पद्म भूषण पुरस्कार दिया जाना चाहिए।

यहां वीडियो में देखें कैसा रहता है माहौल और क्या कहते हैं मरीज और उनके परिजन…

भगत जी की जड़ी बूटियों से भरी गोद

ग्रामीण नवल सिंह धुर्वे ने बताया कि शादी के 4 साल बाद भी बहू को बच्चे नहीं हो रहे थे। यहां-वहां दिखाया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। फिर बहू को बाबूलाल भगत जी के पास ले गए। भगत जी ने जड़ी बूटियां दी। जिसे खाने के बाद मेरी बहू की गोद भर गई।

ऐसे पहुंच सकते हैं कान्हावाड़ी गांव

कान्हावाड़ी गांव बैतूल जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर और घोड़ाडोंगरी तहसील मुख्यालय से करीब 3 किलोमीटर दूर स्थित है।

कान्हावाड़ी गांव पहुंचने के लिए रेल और सड़क मार्ग दोनों उपलब्ध हैं। रेल मार्ग से आने पर नागपुर-इटारसी सेक्शन के घोड़ाडोंगरी रेलवे स्टेशन पर उतना पड़ता है। यहां से ऑटो एवं टैक्सी कान्हावाड़ी के लिए उपलब्ध रहती है।

इसी तरह बैतूल, इटारसी, छिंदवाड़ा, भोपाल से बस से घोड़ाडोंगरी आना पड़ता है। घोड़ाडोंगरी से ऑटो और टैक्सी कान्हावाड़ी के लिए उपलब्ध हैं।

Uttam Malviya

उत्तम मालवीय : मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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