Children’s mental health : बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना भी जरुरी, मिलेगी कई समस्याओं से मुक्ति

Children's mental health : आज, 14 नवंबर, को पूरे भारत में बाल दिवस मनाया जा रहा है, एक ऐसा दिन जो बच्चों की खुशहाली, उनके अधिकारों और उनके विकास को प्रोत्साहित करने के लिए समर्पित है। यह दिन विशेष रूप से पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जिन्होंने हमेशा बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

Children's mental health : बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना भी जरुरी, मिलेगी कई समस्याओं से मुक्ति

बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कल्पना केवल उनकी शिक्षा और शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करके पूरी नहीं की जा सकती

⊗लेखक: डॉ. नवीन वागद्रे⊗

Children’s mental health : आज, 14 नवंबर, को पूरे भारत में बाल दिवस मनाया जा रहा है, एक ऐसा दिन जो बच्चों की खुशहाली, उनके अधिकारों और उनके विकास को प्रोत्साहित करने के लिए समर्पित है। यह दिन विशेष रूप से पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जिन्होंने हमेशा बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

लेकिन, आज के समय में, बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कल्पना केवल उनकी शिक्षा और शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करके पूरी नहीं की जा सकती। एक महत्वपूर्ण पहलू जो अक्सर अनदेखा रह जाता है, वह है बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य।

बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य का महत्व

बचपन वह समय होता है जब बच्चे अपने परिवेश से सीखते हैं, अपने व्यक्तित्व का निर्माण करते हैं, और मानसिक व भावनात्मक स्तर पर मजबूत होते हैं। इस समय में उन्हें जिन भावनात्मक और मानसिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, वे उनके विकास पर गहरा प्रभाव डाल सकती हैं। बच्चों में चिंता, तनाव, आत्म-सम्मान की कमी और अवसाद जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं, खासकर कोरोना महामारी के बाद से। ऑनलाइन शिक्षा, सामाजिक संपर्क में कमी और सीमित खेल गतिविधियों ने बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को और भी प्रभावित किया है।

बच्चों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के कारण

बच्चों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के कई कारण हो सकते हैं। इनमें पारिवारिक तनाव, स्कूल का दबाव, शारीरिक या मानसिक शोषण, परीक्षा की चिंता, और आधुनिक जीवनशैली का प्रभाव शामिल हैं। बच्चों के जीवन में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और माता-पिता की अपेक्षाओं का बोझ भी उनके मानसिक विकास में बाधा डाल सकता है। इस तरह के दबाव उनके आत्मविश्वास को कम कर सकते हैं और उन्हें भावनात्मक रूप से असुरक्षित महसूस करवा सकते हैं।

योग और ध्यान: मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक

योग और ध्यान का अभ्यास बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी साबित हो सकता है। योग बच्चों को मानसिक संतुलन, ध्यान केंद्रित करने की क्षमता, और शारीरिक व मानसिक स्थिरता प्रदान करता है। यहाँ कुछ योग और प्राणायाम तकनीकें हैं जो बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य में सुधार कर सकती हैं:

1. प्राणायाम (श्वास-प्रश्वास का अभ्यास): अनुलोम-विलोम, भ्रामरी और कपालभाति जैसे प्राणायाम से बच्चों के मनोभाव को स्थिरता मिलती है और मानसिक तनाव कम होता है। ये तकनीकें न केवल मानसिक शांति देती हैं, बल्कि आत्म-नियंत्रण भी सिखाती हैं।

2. ध्यान (मेडिटेशन): बच्चों के लिए ध्यान का अभ्यास करने से उनकी एकाग्रता और आत्म-संयम में वृद्धि होती है। मस्तिष्क को शांत और संतुलित रखने में मददगार ध्यान, बच्चों को अपने विचारों को नियंत्रित करने और भावनात्मक स्थिरता पाने में सहायक हो सकता है।

3. सूर्य नमस्कार: यह एक संपूर्ण शारीरिक अभ्यास है, जो शरीर को स्फूर्ति देता है और तनाव को कम करने में सहायक है। बच्चे इस योग आसन के माध्यम से शारीरिक और मानसिक शक्ति को बढ़ा सकते हैं।

4. बालासन और शवासन: ये सरल योगासन बच्चों को आराम प्रदान करते हैं और उनके मानसिक तनाव को दूर करते हैं। इन आसनों से बच्चे दिन भर की थकान से उबर सकते हैं और नई ऊर्जा महसूस कर सकते हैं।

बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने के अन्य उपाय

1. पारिवारिक सहयोग और संवाद: माता-पिता और अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों के साथ नियमित रूप से संवाद करें और उनके मनोभावों को समझें। बच्चों को यह महसूस कराना चाहिए कि वे सुरक्षित हैं और उनकी भावनाएं महत्वपूर्ण हैं।

2. स्कूल में मानसिक स्वास्थ्य शिक्षा: स्कूलों में मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की जरूरत है। मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का सहयोग लेकर, स्कूल बच्चों को तनाव प्रबंधन, ध्यान और योग जैसी गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।

3. शारीरिक गतिविधि और खेलकूद: बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में शारीरिक गतिविधि का महत्वपूर्ण योगदान होता है। खेलकूद उन्हें खुश और सक्रिय महसूस कराने में मदद करता है और तनाव को कम करता है।

4. समय पर सहायता और परामर्श: अगर बच्चा लगातार उदास, गुस्सैल या अलग-थलग महसूस कर रहा है, तो विशेषज्ञ से परामर्श लेना आवश्यक है। मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर बच्चों को उनके भावनात्मक और मानसिक चुनौतियों से निपटने में सहायता कर सकते हैं।

बाल दिवस पर संदेश

इस बाल दिवस पर हमें यह याद रखना चाहिए कि बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य उतना ही महत्वपूर्ण है जितना उनका शारीरिक स्वास्थ्य। बच्चों को स्वस्थ, खुशहाल और सुरक्षित भविष्य देने के लिए मानसिक स्वास्थ्य को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए। जब बच्चे मानसिक रूप से स्वस्थ होंगे, तभी वे अपने जीवन में बड़े सपनों को पूरा करने की ओर बढ़ पाएंगे।

इस बाल दिवस पर हम सभी बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य की सुरक्षा और सुधार के लिए एक कदम उठाएं और उन्हें एक ऐसा भविष्य प्रदान करें, जहाँ वे न केवल शारीरिक रूप से, बल्कि मानसिक रूप से भी स्वस्थ और सशक्त बन सकें।

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Uttam Malviya

उत्तम मालवीय : मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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