Court Decision : बालिका से बलात्कार के आरोपी को 20 साल की कैद
Court Decision : अनन्य विशेष न्यायालय (पॉक्सो एक्ट) बैतूल ने 14 वर्षीय बालिका के साथ बलात्कार करने वाले आरोपी को 20 साल के कठोर कारावास से दंडित किया है। साथ ही 5000 रुपये का जुर्माना भी किया है। इस प्रकरण को जघन्य सनसनीखेज प्रकरण की श्रेणी में रखा गया था।
Court Decision : बैतूल। अनन्य विशेष न्यायालय (पॉक्सो एक्ट) बैतूल ने 14 वर्षीय बालिका के साथ बलात्कार करने वाले आरोपी को 20 साल के कठोर कारावास से दंडित किया है। साथ ही 5000 रुपये का जुर्माना भी किया है। इस प्रकरण को जघन्य सनसनीखेज प्रकरण की श्रेणी में रखा गया था।
मीडिया सेल प्रभारी अमित कुमार राय ने बताया कि आरोपी संतलाल उर्फ विराट, उम्र-25 वर्ष, निवासी-थाना कोतवाली, जिला-बैतूल को इस प्रकरण में दोषी पाते हुए सजा सुनाई गई है। उसे धारा 376(3) भादंवि समाहित धारा 3/4 पॉक्सो एक्ट में 20 वर्ष के कठोर कारावास एवं 5000 रुपये के जुर्माने से दण्डित किया गया।
नया साल मनाने गई थी पीड़िता
घटना का संक्षिप्त विवरण यह है कि फरियादी/पीड़िता ने थाना कोतवाली बैतूल में रिपोर्ट की थी कि घटना दिनांक 01 जनवरी 2023 को वह उसकी मम्मी व भाई के साथ अपनी मौसी के घर नया साल मनाने के लिए गयी थी। वह रात्रि 9-10 बजे बाहर लघुशंका करने गई तो आरोपी उसे रोड के पास खड़ा दिखा।
खाली मकान में ले जाकर बलात्कार
वह उसके पास आया और उसका मुंह दबाकर जबरदस्ती वहां से यह कहते हुए उसे ले गया कि गांव के खाली मकान में चल तुझसे कुछ बात करना है। आरोपी पीड़िता को खाली मकान में ले गया और जबरदस्ती उसके साथ बलात्कार किया। उसके बाद उसे वहां अकेला छोड़कर वहां से चला गया। पीड़िता डर के कारण घर नहीं गई।
अगले दिन घर पहुंच सकी
अगले दिन घर जाकर पूरी घटना के बारे में अपने परिवारजनों को बताया। इसके बाद पीड़िता ने थाना कोतवाली जाकर आरोपी के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस थाना कोतवाली में पदस्थ उपनिरीक्षक कविता नागवंशी ने प्रकरण का अनुसंधान किया। विवेचना के दौरान आरोपी को गिरफ्तार किया गया।
न्यायालय में पेश किया मामला
पुलिस थाना कोतवाली द्वारा आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष विचारण हेतु प्रस्तुत किया गया। विचारण में अभियोजन ने अपना मामला युक्तियुक्त संदेह से परे प्रमाणित किया, जिसके आधार पर माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को दोषसिद्ध पाकर दंडित किया गया।