Court Decision : डॉक्टर पिता की हत्या के आरोपी नाबालिग बेटे को आजीवन कारावास
Court Decision : मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में 4 साल पहले एक बंगाली डॉक्टर की धारदार हथियारों से नृशंस हत्या की गई थी। इस मामले में मृतक की पत्नी और नाबालिग बेटे पर केस चला। इसमें दोषी पाए जाने पर नाबालिग बेटे को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। वहीं पत्नी को पर्याप्त सबूतों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया गया।
Court Decision : मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में 4 साल पहले एक बंगाली डॉक्टर की धारदार हथियारों से नृशंस हत्या की गई थी। इस मामले में मृतक की पत्नी और नाबालिग बेटे पर केस चला। इसमें दोषी पाए जाने पर नाबालिग बेटे को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। वहीं पत्नी को पर्याप्त सबूतों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया गया।
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार थाना चोपना के ग्राम विष्णुपुर में 01 जून 2020 को महादेव हलदार (बंगाली डॉक्टर) की अज्ञात लोगों के द्वारा कुल्हाड़ी, फावड़ा तथा बसूला से मारपीट कर निर्ममता पूर्वक हत्या कर दी गई थी। पूछताछ में पुलिस को मृतक की पत्नी, उसके बालक एवं बालिका द्वारा बताया गया कि तीन अज्ञात नकाबपोश दिनदहाड़े घर में घुसकर हत्या कर फरार हो गए हैं।
इस दौरान बीच बचाव करने में मृतक की 18 वर्षीय बेटी देवीश्री को दाहिने हाथ की कोहनी के नीचे चोट लगी थी। देवीश्री की सूचना के आधार पर थाना चोपना में प्रथम सूचना रिपोर्ट की कायमी कर विवेचनात्मक कार्रवाई की गई। घटना की सूचना पर जिला फॉरेंसिक टीम के द्वारा घटनास्थल का सूक्ष्मता से निरीक्षण किया गया। निरीक्षक अंगुल चिन्ह विशेषज्ञ आबिद अहमद अंसारी द्वारा मौके पर ही परीक्षण कर वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन की कार्रवाई की गई।
विवेचना में नहीं किया सहयोग
उक्त प्रकरण में मृतक महादेव हालदार के परिवार जनों द्वारा यह तथ्य बार-बार बताया गया कि अज्ञात नकाबपोश कुल्हाड़ी, फावड़ा एवं लोहे के बसूले से मारकर हत्या कर फरार हो गए हैं। बीच बचाव में लड़की देवीश्री को भी चोट आई है। विवेचना के समय पुलिस का पूरा ध्यान अज्ञात नकाबपोशों को ढूंढने में लग रहा। परिवार जनों के द्वारा लगातार पुलिस को गुमराह किया गया एवं विवेचना में कोई सहयोग नहीं किया गया।.
बेटे के अंगूठे से मिले फिंगर प्रिंट
अंगुल चिन्ह विशेषज्ञ आबिद अहमद अंसारी द्वारा घटनास्थल निरीक्षण के दौरान मौके पर फिंगरप्रिंट प्राप्त किया गया था। जिसके मिलान किए जाने हेतु थाना प्रभारी चोपना को संदेहियों एवं परिवारजनों के आदर्श अंगुल चिन्ह भेजे जाने हेतु निर्देशित किया गया था।
हत्या किया जाना किया कबूल
इनमें एक प्रिंट मृतक के 17 वर्षीय बेटेके अंगूठे के चिन्ह से मिलान होना पाया गया। जिसके आधार पर पुलिस द्वारा हिकमत अमली से पूछताछ किए जाने पर अपचारी बालक द्वारा अपनी मां विनीता हलदार के साथ पिता की हत्या किया जाना स्वीकार किया गया था।
इसलिए उठाया यह कदम
इस घटना के पीछे वजह यह थी कि मृतक का विवाह 24 साल पहले हुआ था। उसके पांच बच्चे हैं। वह पत्नी और छोटे-छोटे बच्चों को आए दिन पीटता था। यहां तक कि वह बच्चों को बांधकर बेल्ट तक से पीटता था। इसके अलावा मृतक के 2-3 महिलाओं से अवैध संबंध भी थे। वह उनको घर भी लाता था। हालांकि मारपीट की घटना से परिवार परेशान था।
अदालत में साबित हुआ अपराध
सत्र न्यायाधीश बैतूल के कोर्ट में सुनवाई के बाद अपचारी बालक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। साथ ही 1000 रुपये का अर्थदंड भी किया गया। उक्त प्रकरण का प्रतिनिधित्व लोक अभियोजक बैतूल नितिन मिश्रा द्वारा किया गया। वहीं उसकी मां विनीता हालदार को पर्याप्त सबूत के अभाव में दोष मुक्त किया गया है।
वयस्क के रूप में विचारण
यहां उल्लेखनीय है कि प्रकरण में विधि विवादित बालक के विरुद्ध आरोप पत्र किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। परंतु घटना के समय अपचारी बालक की आयु 17 वर्ष होने से प्रधान मजिस्ट्रेट किशोर न्याय बोर्ड बैतूल द्वारा पारित आदेश अनुसार अपचारी बालक के विरुद्ध व्यस्क के रूप में विचारण किया जाना पाते हुए इस मामले को विचारण हेतु सत्र न्यायालय को भेजा गया था।
- Read Also : Health Advisory : बारिश में होने वाली बीमारियों से इस तरह करें बचाव, स्वास्थ्य विभाग ने जारी के एडवायजरी
इनकी रही सराहनीय भूमिका
उक्त सनसनीखेज प्रकरण में आरोपी को सजा दिलाने में अंगुल चिन्ह विशेषज्ञ निरीक्षक आबिद अहमद अंसारी, लोक अभियोजक नितिन मिश्रा, तत्कालीन एफएसएल प्रभारी एसबी बाथम, उप निरीक्षक गोविंद सिंह राजपूत, राहुल रघुवंशी और आरक्षक सतीश चौरे की महत्वपूर्ण भूमिका रही।