Dhan Ki Nai Kismen : कम पानी और दोनों सीजन में लहलहाएगी धान की ये नई किस्में

Dhan Ki Nai Kismen : हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न फसलों के बीजों की 109 किस्में जारी की थी। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के नेतृत्व में विभिन्न संस्थानों द्वारा यह किस्में तैयार की गई है। बीजों की इन नई किस्मों को तैयार करने का उद्देश्य यही था कि कम व्यय में किसानों को अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त हो सके।

Dhan Ki Nai Kismen : कम पानी और दोनों सीजन में लहलहाएगी धान की ये नई किस्में

Dhan Ki Nai Kismen : हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न फसलों के बीजों की 109 किस्में जारी की थी। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के नेतृत्व में विभिन्न संस्थानों द्वारा यह किस्में तैयार की गई है। बीजों की इन नई किस्मों को तैयार करने का उद्देश्य यही था कि कम व्यय में किसानों को अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त हो सके।

विगत 11 अगस्त को यह किस्में जारी करने के बाद अब भारत सरकार के कृषि एवं किसान मंत्रालय ने इन सभी किस्मों की विशेषताएं भी विस्तार से जारी कर दी है। इसमें वह सभी जानकारियां है जो किसान भाई जानना चाहते हैं। जानकारी होने पर ही किसान इन किस्मों को अपनाकर इनका लाभ ले सकते हैं।

धान की खेती को लेकर यह बात जगजाहिर है कि इस फसल के लिए पानी की बहुत अधिक जरुरत होती है। इसके अलावा एक ही सीजन में इसका उत्पादन लिया जा सकता है। यही कारण है कि कम पानी वाले इलाकों में इस फसल का उत्पादन नहीं हो पाता है।

इन किसानों की दूर हुई परेशानी

इन नई किस्मों ने कम पानी की कमी के कारण धान का उत्पादन नहीं करने वाले किसानों की परेशानियों को समाप्त कर दिया है। वजह यह है कि धान कई नई किस्म ऐसी आई हैं जो कि कम पानी में भी अच्छा उत्पादन देगी। इसके अलावा दोनों ही सीजन मतलब रबी और खरीफ में इनका उत्पादन लिया जा सकेगा। आज इन्हीं किस्मों के बारे में हम जानेंगे।

स्वर्ण पूर्वीधान 5 आईईटी 29036 (आरसीपीआर 68-आईआर83929-बी-बी-291-2-1-1-2)

स्वर्ण पूर्वीधान 5 आईईटी 29036 (आरसीपीआर 68-आईआर83929-बी-बी-291-2-1-1-2)… यह धान की खुली पॉलीनेटेड वैराइटी है। यह वैराइटी बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड के लिए अनुमोदित है। इसे स्पांसर करने वाली संस्था पूर्वी क्षेत्र के लिए अनुसंधान परिसर, पटना, बिहार है।

यह वैराइटी सूखे में सीधी बुआई वाली एरोबिक स्थिति के लिए उपयुक्त है। खरीफ के दौरान वर्षा आधारित और पानी की कमी वाले क्षेत्र में उपज (सामान्य स्थिति में 43.69 क्विंटल/हेक्टेयर, मध्यम सूखे की स्थिति में – 29.02 क्विंटल/हेक्टेयर) दे सकती है।

यह जल्दी पकने वाली (110-115 दिन) है। इसमें उच्च मात्रा में जिंक (25.5 पीपीएम) होता है। और आयरन (13.1 पीपीएम), गर्दन ब्लास्ट और तना सड़न के लिए प्रतिरोधी और पत्ती ब्लास्ट, भूरा धब्बा और शीथ सड़न के लिए मध्यम प्रतिरोधी, तना छेदक (मृत दिल और सफेद कान सिर), पित्त मिज, पत्ती फ़ोल्डर, पित्त मिज, चावल का थ्रिप जैसे प्रमुख कीटों के लिए सहनशील है।

डीआरआर धान 73 (आईईटी30242)

डीआरआर धान 73 (आईईटी30242)… यह भी खुली पॉलीनेटेड वैराइटी है। इसकी स्पांसर संस्था आईसीएआर-भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान, राजेंद्रनगर, हैदराबाद है। यह वैराइटी कर्नाटक, ओडिशा और तेलंगाना के लिए अनुमोदित है।

यह खरीफ और रबी दोनों के लिए कम मिट्टी पी वाले सिंचित और वर्षा आधारित उथले निचले भूमि क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है। उपज 60 क्विंटल/हेक्टेयर (सामान्य परिस्थितियों में; 60 किग्रा/हेक्टेयर पी यानी अनुशंसित खुराक), 40 क्विं/हेक्टेयर (कम पी के तहत; 40 किग्रा/हेक्टेयर पी) और 40.0 क्यू/हेक्टेयर (कम फास्फोरस के तहत; 0 किग्रा/हेक्टेयर पी), मैच्योरिटी 120-125 दिन है। यह मध्यम प्रतिरोधी टॉलीफब्लास्ट है।

डीआरआर धान 74 (आईईटी30252)

डीआरआर धान 74 (आईईटी30252)… यह खुली पॉलीनेटेड वैराइटी है। इसे स्पांसर करने वाली संस्था आईसीएआर-भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान, राजेंद्रनगर, हैदराबाद है। यह कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, झारखंड और भारत के पी की कमी वाले क्षेत्र के लिए अनुमोदित है।

यह कम मिट्टी वाले सिंचित और वर्षा आधारित उथले निचले भूमि क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है। ख़रीफ़ और रबी दोनों के लिए, उपज 70 क्विंटल/हेक्टेयर (सामान्य परिस्थितियों में; 60 किग्रा/हेक्टेयर पी यानी अनुशंसित खुराक), 44 क्विंटल/हेक्टेयर (कम पी के तहत; 40 किग्रा/हेक्टेयर पी) और 45.6 क्विंटल/हेक्टेयर (अंडर) कम फास्फोरस; 0 किग्रा/हेक्टेयर पी), मैच्योरिटी130-135 दिन है। पत्ती विस्फोट, गर्दन विस्फोट, आवरण सड़न, पौधे हॉपर के प्रति मध्यम रूप से सहनशील है।

डीआरआर धान 78 (आईईटी30240)

डीआरआर धान 78 (आईईटी30240)… यह ओपन पॉलीनेटेड वैराइटी है। इसे स्पांसर करने वाली संस्था आईसीएआर – भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान, राजेंद्रनगर, हैदराबाद है। यह कर्नाटक और तेलंगाना के लिए अनुमोदित है।

यह खरीफ और रबी दोनों के लिए कम मिट्टी पी वाले सिंचित और वर्षा आधारित उथले निचले भूमि क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है। उपज 58 क्विंटल/हेक्टेयर (अंडर) सामान्य स्थिति; 60 किग्रा/हेक्टेयर पी यानी अनुशंसित खुराक), 46 क्विं/हेक्टेयर (कम पी के तहत; 40 किग्रा/हेक्टेयर पी) और 40.0 क्यू/हेक्टेयर (कम फास्फोरस के तहत; 0 किग्रा/हेक्टेयर पी), मैच्योरिटी 120 -125 दिन है। लीफ ब्लास्ट और प्लांट हॉपर के लिए मध्यम प्रतिरोधी है।

Uttam Malviya

उत्तम मालवीय : मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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