Famous sarees of MP : एमपी की साड़ियों के क्या कहने, शादी से लेकर पार्टियों तक के लिए पहली पसंद

Famous sarees of MP : मध्यप्रदेश की समृद्ध हथकरघा कला प्रदेश की विविध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है, जो सदियों से चली आ रही परंपरा को समेटे हुए है। चमचमाते रंगों के साथ आंखों में बस जाने वाली डिजायन और खूबसूरत बुनावट वाले इन कपड़ों की पहचान दुनियाभर में है। टेक्सटाइल पर्यटन का विशेष महत्व है क्योंकि यह विभिन्न क्षेत्रों की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक विरासत को जीवंत रखता है।

Famous sarees of MP : एमपी की साड़ियों के क्या कहने, शादी से लेकर पार्टियों तक के लिए पहली पसंद

Famous sarees of MP : मध्यप्रदेश की समृद्ध हथकरघा कला प्रदेश की विविध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है, जो सदियों से चली आ रही परंपरा को समेटे हुए है। चमचमाते रंगों के साथ आंखों में बस जाने वाली डिजायन और खूबसूरत बुनावट वाले इन कपड़ों की पहचान दुनियाभर में है। टेक्सटाइल पर्यटन का विशेष महत्व है क्योंकि यह विभिन्न क्षेत्रों की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक विरासत को जीवंत रखता है। यह अनुभव आधारित पर्यटन का एक अद्वितीय पहलु है।

मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा परंपरा में निहित और नवाचार से प्रेरित बुनकरों एवं शिल्पकारों की कला को संरक्षित करते हुए विभिन्न स्तर पर पहल की जा रही है। मध्य प्रदेश में हथकरघा बुनाई और रंगाई कौशल की सदियों पुरानी परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है। इनके द्वारा तैयार साड़ियों का क्रेज अब और बढ़ गया है। यही कारण है कि इनके द्वारा तैयार साड़ियों की शादी से लेकर पार्टियों तक में पहनने के लिए भारी डिमांड है।

चंदेरी साड़ियां

चंदेरी साड़ी मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले के चंदेरी शहर से बुनकरों द्वारा निर्मित की जाती हैं। यह अपने कम वजन एवं स्पष्ट बनावट के लिए जानी जाती है, जो इसे गर्म मौसम के लिए आदर्श बनाती है। रेशम, कपास और ज़री (धातु के धागे) का उपयोग करके साड़ी को हाथ से बुना जाता है। अपनी चमक, स्पष्ट बनावट और बेहतरीन डिजाइन के लिए प्रसिद्ध यह साड़ियां पारंपरिक बुनाई तकनीकों और आधुनिक डिजाइनों का अनूठा संयोजन भी है।

शादी हो, उत्सव हो या फिर कोई कारपोरेट आयोजन, चंदेरी साड़ी हर महिला की पसंद रहती है। म.प्र. टूरिज्म विभाग द्वारा बुनकरों को बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वस्त्र मंत्रालय की मदद से चंदेरी के पास प्राणपुर गांव में देश का पहला ‘क्रॉफ्ट हैंडलूम टूरिज्म विलेज’ भी विकसित किया है।

महेश्वरी साड़ियां

नर्मदा नदी के तट पर स्थित, महेश्वर हथकरघा बुनाई का सदियों पुराना केंद्र है, जो अपनी खूबसूरत महेश्वरी साड़ियों के लिए प्रसिद्ध है। इन साड़ियों की विशेषता जीवंत रंगों, सोने की ज़री और अद्वितीय पिटलूम बुनाई तकनीक है।

परंपरागत रूप से कपास से बनी साड़ियां एवं कुर्ते सादे, धारीदार और यहां तक ​​कि चेकर पैटर्न सहित विभिन्न प्रकार के डिज़ाइन में उपलब्ध होते हैं। महेश्वर भ्रमण के दौरान आप यहां महेश्वरी साड़ियां बनती हुई देख सकते हैं। महेश्वर में सीधे बुनकरों से ही साड़ियां खरीद भी सकते हैं।

बाग प्रिंट

ऐतिहासिक शहर मांडू के पास बाग नाम का छोटा सा कस्बा बाग प्रिंट की 1000 साल पुरानी परंपरा को समेटे हुए है, जो प्राकृतिक डाई ब्लॉक प्रिंटिंग का एक अनूठा रूप है। यह बाग प्रिंट सूती, रेशमी, टसर, कॉटन-सिल्क, जूट और क्रेप के साथ दूसरे अन्य कपड़ों पर किया जा सकता है। बाग प्रिंट के कपड़ों के साड़ी, सूट, चादर के साथ-साथ नए पैटर्न के डिजाइर और मार्डन ड्रेसेस भी बनाई जाती हैं। आज बाग प्रिंट को दुनियाभर में पहचाना जाना है।

भैरवगढ़ बटिक

बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन के निकट भैरवगढ़ बटिक प्रिंट का केन्द्र है, जिसको जीआई टैग मिला है। सदियों पुरानी मोम प्रतिरोधी रंगाई और छपाई शिल्प मिस्र, जापान और भारत में 2000 वर्षों से अधिक समय से प्रचलित है।

आकर्षक प्रिंट्स बढ़ा देते हैं शोभा

मध्यप्रदेश में प्रिंट लोक कला की एक समृद्ध परंपरा है। विभिन्न क्षेत्रों के चित्रों में अनूठी विशेषताएं हैं। नीमच और उमेदपुरा के तारापुर गांव में निर्मित नंदना प्रिंट एक रंगीन ब्लॉक प्रिंट है। यह आरामदायक पोशाख भील और बाग भिलाला जनजातियों की पारंपरिक पोशाख है।

मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा प्रदेश के टेक्साइल पर्यटन की क्षमता को दुनिया के सामने प्रचारित करने के लिये विभिन्न स्तरों पर प्रयास किया जा रहा है। जब भी आप प्रदेश के रमणीय पर्यटन स्थलों पर भ्रमण पर आए, तो अपने साथ सोवेनियर के रूप में यह टेक्सटाइल उत्पाद जरूर साथ ले जाएं।

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Uttam Malviya

उत्तम मालवीय : मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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