Dol Gyras Ka Mahtva : क्यों मनाते हैं डोल ग्यारस, इस पर्व का क्या है महत्व..?

Dol Gyras Ka Mahtva : आज भाद्रपद शुक्ल पक्ष की एकादशी है। जिसे परिवर्तिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। मौसम परिवर्तन पर कोई न कोई त्यौहार की रचना हमारे पूर्वजों ने अवश्य की है। उसी के साथ स्वस्थ रहने के लिए ऋतुचर्या, उपवास, पूजापाठ का क्रम जोड़ा है।

Dol Gyras Ka Mahtva : क्यों मनाते हैं डोल ग्यारस, इस पर्व का क्या है महत्व..?

⇓ मोहन नागर, बैतूल

Dol Gyras Ka Mahtva : आज भाद्रपद शुक्ल पक्ष की एकादशी है। जिसे परिवर्तिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। मौसम परिवर्तन पर कोई न कोई त्यौहार की रचना हमारे पूर्वजों ने अवश्य की है। उसी के साथ स्वस्थ रहने के लिए ऋतुचर्या, उपवास, पूजापाठ का क्रम जोड़ा है।

आज डोल ग्यारस के दिन देश के अनेक भागों में श्रीकृष्ण भगवान को चल समारोह के साथ डोल में बिठाकर ग्राम के सरोवर या बड़े कुएं बावड़ी में स्नान कराया जाता है। इस कारण इसे जलझूलनी एकादशी भी कहा जाता है। पूर्वा नक्षत्र के जल से नदी सरोवरों का जल शुद्ध और पवित्र हो जाता है।

पुराने समय में लोग डोल ग्यारस से नदी सरोवरों में स्नान प्रारम्भ कर देते हैं। किन्तु उसके पूर्व भगवान को सरोवर में स्नान कराते हैं। जो हमारी धार्मिक आस्था व मौसम विज्ञान का जीवन्त उदाहरण है।

इस दिन लोग अपने खेतों से खरीफ की नई फसल ककड़ी फूँट लाकर जल को समर्पित करते हैं। जो एक प्रकार से जलचरों की नई संतति का भोजन भी है।भाद्रपद शुक्ल की इस एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी भी कहते हैं। क्योंकि यह मौसम परिवर्तन का संकेत है।

अब वर्षाकाल बीतने की ओर है। बादल छटेंगे। अचानक आश्विन (क्वार) की तेज धूप पड़ेगी। पंचतत्वों की ऊर्जा बढ़ेगी। कुल मिलाकर मौसम करवट लेगा। जिसे धार्मिक रूप से हमें कथाओं के माध्यम से चातुर्मास में शयन करते हुए भगवान विष्णु के करवट बदलने से प्रकृति का विज्ञान समझाया गया है।

(श्री नागर की फेसबुक वाल से)

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Uttam Malviya

उत्तम मालवीय : मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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