Indore-Manmad Railway Line : इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन के लिए इतनी भूमि होगी अधिग्रहित, इन जिलों से गुजरेगी

Indore-Manmad Railway Line : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि इंदौर-मनमाड़ रेलवे परियोजना की स्वीकृति मध्यप्रदेश के लिए ऐतिहासिक निर्णय है। मध्यप्रदेश, देश के मध्य भाग में स्थित है। इसको देखते हुए यहां रेलवे के विकास की अपार संभावनाएं है। उन्होंने इंदौर-मनमाड़ परियोजना की स्वीकृति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार जताया।

Indore-Manmad Railway Line : इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन के लिए इतनी भूमि होगी अधिग्रहित, इन जिलों से गुजरेगी

Indore-Manmad Railway Line : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि इंदौर-मनमाड़ रेलवे परियोजना की स्वीकृति मध्यप्रदेश के लिए ऐतिहासिक निर्णय है। मध्यप्रदेश, देश के मध्य भाग में स्थित है। इसको देखते हुए यहां रेलवे के विकास की अपार संभावनाएं है। उन्होंने इंदौर-मनमाड़ परियोजना की स्वीकृति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार जताया।

मुख्यमंत्री मंगलवार को इंदौर में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस रेलवे लाइन से मध्यप्रदेश के मालवा एवं निमाड़ अंचल के अनुसूचित जनजाति के लोगों का समुचित विकास होगा। यह परियोजना उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव का बड़ा माध्यम बनेगी।

मध्यप्रदेश के अनुसूचित जनजाति के लोगों के जीवन में यह रेलवे लाइन एक नई शुरुआत करेगी। मालवा-निमाड़ क्षेत्र में रोजगार के साधन बढ़ेंगे। व्यापारिक, औद्योगिक, कृषि क्षेत्र का विकास होगा। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में लॉजिस्टिक हब बनाने की संभावनाएं बढ़ी हैं।

इकोनॉमिक कॉरिडोर करेंगे विकसित

उन्होंने कहा कि जहां से यह रेल लाइन जाएगी वहां समान रूप से राज्य शासन द्वारा भी विकास के कार्य किए जाएंगे। इस क्षेत्र को इकोनॉमिक कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जाएगा। हम संकल्प लेकर यह कार्य शुरू कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस रेलवे लाइन के बन जाने से धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। चार ज्योतिर्लिंग परस्पर जुड़ जाएंगे। अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों तक भी आवागमन का सहज हो जाएगा।

रेल मंत्री ने दी यह जानकारी

केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इंदौर-मनमाड़ नई रेल लाइन परियोजना की कुल लंबाई 309 किलोमीटर है, जो मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के महत्वपूर्ण जिलों को जोड़ेगी। परियोजना की कुल लागत 18,036.25 करोड़ रूपये है। यह परियोजना मध्य प्रदेश के प्रमुख जिलों जैसे इंदौर, धार, खरगोन, और बड़वानी को सीधे महाराष्ट्र के नासिक और धुले जिलों से जोड़ेगी, जिससे इन जिलों में आर्थिक और सामाजिक विकास को बल मिलेगा।

इन्हें मिलेगी बेहतर कनेक्टिविटी

इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन से औद्योगिक और कृषि उत्पादों के परिवहन में तेजी आएगी, जिससे किसानों और उद्योगपतियों को बड़ा लाभ मिलेगा। नासिक और धुले जैसे जिलों के प्याज उत्पादक हब और इंदौर के औद्योगिक क्षेत्र को बेहतर कनेक्टिविटी प्राप्त होगी।

इस नई रेल लाइन से उज्जैन के श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग और नासिक के त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग के बीच की दूरी में कमी आएगी, जिससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

बड़वानी जिला, जो कि एक आकांक्षी जिला है, पहली बार भारतीय रेलवे नेटवर्क से जुड़़ेगा। इससे इस क्षेत्र के लोगों को बेहतर परिवहन सुविधाएं और आर्थिक विकास के लिए अवसर प्राप्त होंगे।

परियोजना से मध्यप्रदेश के लिए लाभ

इस परियोजना से मध्यप्रदेश के 4 जिलों (बड़वानी, खरगोन, धार और इंदौर) को नई रेल कनेक्टिविटी मिलेगी। लगभग 309 किलोमीटर की नई रेलवे लाइन से राज्य के जनजातीय क्षेत्रों में बेहतर परिवहन सुविधाएं मिलेंगी. जिससे स्थानीय विकास को गति मिलेगी।

राज्य के विकास में नया अध्याय

इस परियोजना से 29 लाख लोगों को पहली बार रेल कनेक्टिविटी मिलेगी, जो राज्य के समग्र विकास और सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

18,036 करोड़ रूपये की इस परियोजना से राज्य के आर्थिक परिदृश्य में व्यापक सुधार होगा, जिससे नए उद्योगों और निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा।

आर्थिक विकास और रोजगार

इंदौर और मुंबई जैसे दो प्रमुख आर्थिक केंद्रों को जोड़ने से बड़वानी और खरगोन जैसे औद्योगिक रूप से पिछड़े जिलों में भी आर्थिक विकास होगा। इंदौर के निकट स्थित औद्योगिक क्षेत्रों से उत्पन्न श्वङ्गढ्ढरू कार्गो के लिए जेएनपीए और पश्चिमी महाराष्ट्र के अन्य बंदरगाहों तक पहुँच के लिए यह एक छोटा और सीधा मार्ग प्रदान करेगा।

परियोजना के दौरान प्रत्यक्ष रोजगार सृजन होगा, जो हमारे राज्य के युवाओं के लिए एक बड़ा अवसर होगा। 18036 करोड़ रुपये की यह परियोजना राज्य के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगी, जिससे पर्यटन, उद्योग और कृषि क्षेत्रों को नए अवसर मिलेंगे।

कृषि और औद्योगिक विकास

नासिक, धुले और नंदुरबार के प्याज उत्पादक हब को यह नई रेल लाइन वैकल्पिक और तेज़ परिवहन सुविधा प्रदान करेगी, जिससे किसानों को बड़ा लाभ होगा। मिलेट्स (ज्वार, मक्का) उत्पादक क्षेत्रों को भी पहली मील की कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे कृषि उत्पादों का परिवहन और अधिक सुलभ होगा। इस नई रेल लिंक से मुंबई (व्हाया मनमाड) से इंदौर तक की यात्रा में 188 किलोमीटर की कमी आएगी, जिससे 4.5 घंटे कम समय में यात्रा पूर्ण हो सकेगी।

इन उद्योगों को सीधा लाभ मिलेगा

इस नई रेल लाइन से पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र को जेएनपीए और हजीरा पोर्ट तक सीधा कनेक्शन मिलेगा, जिससे महिंद्रा एंड महिंद्रा, वीई कमर्शियल व्हीकल्स (वोल्वो और आयशर के बीच JV), फोर्स मोटर्स, और राठी स्टील इंडस्ट्रीज जैसी प्रमुख उद्योगों को बड़ा फायदा होगा।

धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा

उज्जैन-इंदौर क्षेत्र में प्रमुख धार्मिक स्थलों तक पहुँच में सुधार होगा, जिससे पर्यटन और तीर्थ-यात्राओं में वृद्धि होगी। श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर और अन्य धार्मिक स्थलों तक आसान और त्वरित पहुंच से राज्य का धार्मिक पर्यटन समृद्ध होगा।

आकांक्षी जिलों का होगा विकास

परियोजना से बड़वानी जैसे आकांक्षी जिलों को नई रेल कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे जनजातीय सशक्तिकरण में मदद मिलेगी। इससे इन क्षेत्रों में पर्यटन और औद्योगिक विकास के साथ आर्थिक उन्नति के नए अवसर उत्पन्न होंगे।

महाराष्ट्र के इन क्षेत्रों को लाभ

महाराष्ट्र के प्रमुख शहर जैसे मालेगांव, धुले, सिंधखेड़ा, शिरपुर और अन्य शहरों को सीधी रेल कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे क्षेत्रीय आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।

नासिक, धुले, और नंदुरबार जैसे प्याज उत्पादक हबों के लिए वैकल्पिक और तेज़ लॉजिस्टिक्स विकल्प उपलब्ध होंगे, जिससे किसानों को बेहतर परिवहन सुविधाएं मिलेंगी।

धार्मिक स्थलों तक आसान पहुँच

महाराष्ट्र में त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग, शिरडी साई मंदिर, और घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों तक पहुँच में सुधार होगा, जिससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

मध्य भारत से महाराष्ट्र के विभिन्न बंदरगाहों जैसे मुंबई पोर्ट (MBPA) और जेएनपीए तक सीधा और छोटा मार्ग उपलब्ध होगा।

रेल परियोजना का कुल निवेश

इस परियोजना का कुल निवेश 18,036.25 करोड़ रूपये है, जिसमें से मध्य प्रदेश के हिस्से का खर्च 13,628.20 करोड़ रूपये और महाराष्ट्र के हिस्से का खर्च 4.408.05 करोड़ रूपये है।

मध्यप्रदेश का इतना योगदान

मध्यप्रदेश सरकार इस परियोजना में राज्य के हिस्से के लिए 10 प्रतिशत की राशि, अर्थात 1,362.80 करोड़ रूपये का योगदान देगी। यह राज्य के विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

इतनी भूमि का होगा अधिग्रहण

परियोजना के लिए मध्य प्रदेश में 905.191 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा, जबकि महाराष्ट्र में 796.104 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होगा। कुल मिलाकर 1,701.295 हेक्टेयर भूमि इस परियोजना के लिए अधिग्रहित की जाएगी।

इंदौर-मनमाड़ नई ब्रॉड गेज लाइन परियोजना

रेलवे बोर्ड द्वारा 31 मार्च 2016 को इंदौर से मनमाड़ तक नई ब्रॉड गेज लाइन के निर्माण के लिए फाइनल लोकेशन सर्वे को मंजूरी दी गई थी। इस परियोजना का डीपीआर जुलाई 2017 में 8857.97 करोड़ रूपये की लागत के साथ प्रस्तुत किया गया था।

Uttam Malviya

उत्तम मालवीय : मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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