IPS Ankita Sharma : दो बार नाकामी, फिर भी हिम्मत नहीं हारी, तीसरे प्रयास में बनीं आईपीएस

IPS Ankita Sharma : यूपीएससी परीक्षा में हर साल लाखों युवा अफसर बनने का सपना आंखों में संजोए शामिल होते हैं। इनमें से चुनिंदा ही अपना यह सपना पूरा कर पाते हैं। असफल हुए उम्मीदवारों में से कुछ हिम्मत हार जाते हैं तो कुछ दोबारा नया हौसला लिए परीक्षा की तैयारी में जुट जाते हैं। इनमें से कुछ की हिम्मत को किस्मत भी सलाम करती है और सफलता का सेहरा इनके सिर बंध जाता है।

IPS Ankita Sharma : दो बार नाकामी, फिर भी हिम्मत नहीं हारी, तीसरे प्रयास में बनीं आईपीएस

IPS Ankita Sharma : यूपीएससी परीक्षा में हर साल लाखों युवा अफसर बनने का सपना आंखों में संजोए शामिल होते हैं। इनमें से चुनिंदा ही अपना यह सपना पूरा कर पाते हैं। असफल हुए उम्मीदवारों में से कुछ हिम्मत हार जाते हैं तो कुछ दोबारा नया हौसला लिए परीक्षा की तैयारी में जुट जाते हैं। इनमें से कुछ की हिम्मत को किस्मत भी सलाम करती है और सफलता का सेहरा इनके सिर बंध जाता है।

ऐसी ही एक हौसला नहीं हारने और बार-बार कोशिश कर आज आईपीएस की जिम्मेदारी संभालने वाली प्रतिभा है अंकिता शर्मा। वे आज देश की तेजतर्रार आईपीएस अफसरों में शुमार की जाती है। अपनी कर्मठता से उन्होंने इस कठिनतम परीक्षा को न केवल क्रैक किया बल्कि वे छत्तीसगढ़ कैडर की पहली आईपीएस अधिकारी भी बन गईं।

IPS Ankita Sharma : दो बार नाकामी, फिर भी हिम्मत नहीं हारी, तीसरे प्रयास में बनीं आईपीएस

दूसरी बार प्रीलिम्स भी क्लियर नहीं

खास बात यह है कि अपने पहले दो प्रयासों में अंकिता शर्मा को सफलता हासिल नहीं हो पाई थी। हालांकि दो बार नाकामयाबी मिलने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और तैयारी में जुटी रही।

नए उत्साह के साथ वे तीसरी बार इस परीक्षा में सफल हुईं और अंतत: उन्हें सफलता हासिल हुई। इस सफलता के बाद उन्होंने कार्यप्रणाली का लोहा मनवाया। आज स्थिति यह है कि खूंखार से खूंखार नक्सली और अपराधी भी उनका नाम सुनते ही थर-थर कांप उठते हैं।

सरकारी स्कूल से पढ़ाई-लिखाई

आईपीएस अंकिता शर्मा छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की रहने वाली है। उन्होंने अपनी शुरूआती पढ़ाई सरकारी स्कूल से की। स्नातक के बाद उन्होंने एमबीए किया और फिर यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं। उनका लक्ष्य यही था। कुछ समय दिल्ली में रहकर उन्होंने तैयारी की, लेकिन फिर घर लौट गईं और वहीं से तैयारी जारी रखी।

यूपीएससी का ऐसा रहा सफर

यूपीएससी में पहले प्रयास में वे मेन्स में 15 नंबर से चूक गईं और दूसरे में तो प्रीलिम्स भी क्लियर नहीं कर पाई थी। कोई और होता तो शायद हिम्मत हार जाता, पर उन्होंने धैर्य नहीं खोया। इस बार उन्होंने अपनी कमजोरियां दूर कीं और तीसरे प्रयास में 203 वीं रैंक पाई। यह सफलता उन्हें 2018 में मिली। उन्होंने 1035 अंक पाए और उन्हें छत्तीसगढ़ कैडर एलॉट किया गया।

किरण बेदी को मानती हैं रोल मॉडल

अंकिता शर्मा, देश की पहली आईपीएस ऑफिसर किरण बेदी को अपना आदर्श मानती है। एक्ट्रेस रवीना टंडन भी उनकी प्रशंसक हैं। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में उन्होंने कई सफल अभियान चलाए। उनकी बहादुरी के कई किस्से मशहूर हैं। उनकी सोशल मीडिया पर भी अच्छी खासी फैन फॉलोइंग है।

Uttam Malviya

उत्तम मालवीय : मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button