Mandi News : एक साल से अटके हैं किसानों के 25 लाख रुपये
Mandi News : कृषि उपज मंडी बैतूल में 21 किसानों से साल भर पहले गेहूं की खरीदी की गई थी। इसके 25 लाख रुपये का भुगतान आज तक नहीं हो पाया है। इस मामले में बकाया भुगतान की मांग को लेकर किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम ने पत्र लिखा है। यह पत्र मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री और जिलाधीश को पत्र लिखा है।
Mandi News : मुलताई। कृषि उपज मंडी बैतूल में 21 किसानों से साल भर पहले गेहूं की खरीदी की गई थी। इसके 25 लाख रुपये का भुगतान आज तक नहीं हो पाया है। इस मामले में बकाया भुगतान की मांग को लेकर किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम ने पत्र लिखा है। यह पत्र मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री और जिलाधीश को पत्र लिखा है।
डॉ. सुनीलम ने कहा कि उन्हें आठनेर निवासी कैलाश साहू एवं गेहंूबारसा निवासी आयुष साहू ने पत्र भेजकर बताया कि जून और जुलाई 202& में बैतूल जिले के 21 किसानों ने बैतूल कृषि उपज मंडी में हरिप्रसाद पिता सुंदरलाल होड़े (फर्म श्रीहरि ट्रेडर्स) निवासी भरकावाड़ी, जिला बैतूल को मंडी प्रांगण में गेहंू की उपज नीलामी के माध्यम से बेची थी। यह फर्म बैतूल कृषि उपज मंडी में अनुज्ञप्तिधारी खरीददार है।
किसान काट रहे हैं चक्कर
गेहूं खरीदी का करीब 25 लाख रूपये का भुगतान किए बगैर व्यापारी हरिप्रसाद पिता सुंदरलाल होड़े फरार हो गया है। किसानों द्वारा धोखाधड़ी करने वाले व्यापारी के खिलाफ 22 जुलाई 2024 को बैतूल बाजार थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। किसान प्रतिदिन मंडी कार्यालय और कलेक्टर कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं।
भुगतान का यह है प्रावधान
डॉ. सुनीलम ने कहा कि मंडी बोर्ड के नियमानुसार खरीदी करने के पांच दिन के भीतर दो लाख रूपये तक नकद भुगतान करने का प्रावधान हैं। इसके बावजूद मंडी समिति द्वारा व्यापारी से किसानों को नगद भुगतान नही कराया गया।
मंडी समिति की जिम्मेदारी
उन्होंने कहा कि मंडी प्रांगण में खरीदी गई उपज का एक वर्ष बाद भी भुगतान नहीं किया जाना किसानों के साथ अन्याय है। मंडी परिसर में खरीदी गई फसल का भुगतान कराने की जिम्मेदारी मंडी समिति की है।
आंदोलन की दी चेतावनी
इसलिए किसानों का बकाया भुगतान खरीददार से वसूली कर या मंडी निधि से कराई जानी चाहिए। डॉ. सुनीलम ने कहा कि यदि किसानों को शीघ्र भुगतान नहीं किया जाता है तो किसान संघर्ष समिति आंदोलन करने को मजबूर होगी।