Pandit Pradeep Mishra : आखिर कथा के दौरान क्यों कही पं. प्रदीप मिश्रा ने यह बात..?

Pandit Pradeep Mishra : प्रख्यात कथा वाचक पं. प्रदीप मिश्रा की इन दिनों छत्तीसगढ़ के भिलाई में श्री श्रावण शिवपुराण कथा चल रही है। इस दौरान उन्होंने एक ऐसी बात कह दी, जिसने भक्तों को सोचने को मजबूर कर दिया है। इस बयान को लेकर लोग कयास लगाने लगे हैं कि कहीं पिछले दिनों के घटनाक्रमों को लेकर तो पं. मिश्रा यह कहने को मजबूर नहीं हुए।

Pandit Pradeep Mishra : आखिर कथा के दौरान क्यों कही पं. प्रदीप मिश्रा ने यह बात..?

Pandit Pradeep Mishra : प्रख्यात कथा वाचक पं. प्रदीप मिश्रा की इन दिनों छत्तीसगढ़ के भिलाई में श्री श्रावण शिवपुराण कथा चल रही है। इस दौरान उन्होंने एक ऐसी बात कह दी, जिसने भक्तों को सोचने को मजबूर कर दिया है। इस बयान को लेकर लोग कयास लगाने लगे हैं कि कहीं पिछले दिनों के घटनाक्रमों को लेकर तो पं. मिश्रा यह कहने को मजबूर नहीं हुए।

श्री श्रावण महापुराण कथा का आज चौथा दिन था। आज अधिकांश समय उन्होंने जीवन में सफलता पाने के लिए कर्म को प्रधानता दिए जाने को लेकर अपनी बात कही। इस संबंध में उन्होंने कई उदाहरण भी प्रस्तुत किए। साथ ही यह भी कहा कि कर्म को महत्व दिए बगैर आज जीवन में किसी भी क्षेत्र में सफलता पाना संभव नहीं है।

इसी दौरान एक ऐसी बात भी कह दी जिसने कथा श्रवण कर रहे सभी श्रद्धालुओं को चौंकने पर मजबूर कर दिया। इस बात को लेकर कुछ भक्तों का कहना है कि संभव है कि साधारण तौर पर उन्होंने यह बात कही हो, वहीं कुछ भक्तों का कहना है कि यह पिछले दिनों के घटनाक्रम को लेकर उनकी व्यथा भी हो सकती है।

वैसे यह बात बिल्कुल साफ है कि वह बात कहते हुए न पंडित जी ने किसी का नाम लिया और न ही किसी की ओर इशारा किया, लेकिन श्रद्धालु इस बात के अपने-अपने तौर पर मायने निकाल रहे हैं। यही कारण है कि कुछ भक्त उसे बीते दिनों के घटनाक्रम की व्यथा भी मान रहे हैं।

कथा में क्या कहा पं. मिश्रा ने

पं. मिश्रा ने कहा कि ‘आज हर जगह कॉम्पीटिशन है। फैक्ट्री है तो उसमें कॉम्पीटिशन है, नौकरी है चाहे वह किसी भी विभाग में तो कॉम्पीटिशन है, पढ़ाई कर रहे उसमें भी कॉम्पीटिशन है, शिक्षक हो, खेल हो हर कॉम्पीटिशन है।’

उन्होंने आगे कहा ‘बचा कुचा था तो आज तो धर्म में भी कॉम्पीटिशन है। कथाकारों में, संतों भी कॉम्पीटिशन हो गया है। जो आगे बढ़े, उसे खींच कर पीछे ले आओं और आगे बढ़ जाओं।’ इसी बात ने भक्तों को सोच डाल दिया कि यह बात कहने को पंडित जी आखिर क्यों मजबूर हुए?

⇓ यहाँ देखें और सुने आज की कथा…⇓

इस बात को लेकर मचा था बवाल

गौरतलब है कि पिछले दिनों पं. प्रदीप मिश्रा द्वारा राधा रानी को लेकर की गई एक टिप्पणी को लेकर काफी बवाल मचा था। ब्रज के संतों और निवासियों के रोष जताए जाने पर पं. प्रदीप मिश्रा ने बरसाना स्थित राधा रानी दरबार में जाकर माफी मांगी थी।

Uttam Malviya

उत्तम मालवीय : मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button