Pashu Beema Yojana : पशुओं का बीमा हुआ आसान, प्रीमियम में कटौती, पशु संख्या बढ़ी

Pashu Beema Yojana : सरकार द्वारा पशुपालन कर आमदनी बढ़ाने के लिए लोगों को लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए सरकार जहां भरपूर ऋण मुहैया कराती है वहीं योजना की शर्तों को भी लगातार आसान बना रही है। इसी कड़ी में अब सरकार ने पशुओं के बीमा के प्रावधान भी बेहद सरल कर दिया है। इससे सभी आसानी से पशु बीमा करा सकते हैं।

Pashu Beema Yojana : पशुओं का बीमा हुआ आसान, प्रीमियम में कटौती, पशु संख्या बढ़ी

Pashu Beema Yojana : सरकार द्वारा पशुपालन कर आमदनी बढ़ाने के लिए लोगों को लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए सरकार जहां भरपूर ऋण मुहैया कराती है वहीं योजना की शर्तों को भी लगातार आसान बना रही है। इसी कड़ी में अब सरकार ने पशुओं के बीमा के प्रावधान भी बेहद सरल कर दिया है। इससे सभी आसानी से पशु बीमा करा सकते हैं।

गौरतलब है कि सरकार द्वारा ऊंट, खच्चर, गधे और घोड़ों के लिए प्रजनन फॉर्म की स्थापना को लेकर व्यक्तियों, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) और धारा- 8 कंपनियों को योजना दिशानिर्देशों के अनुसार 50 लाख रुपये तक की 50 फीसद पूंजी अनुदान (सब्सिडी) प्रदान करने का प्रस्ताव रखती है।

अब सरकार ने पशुधन बीमा की गतिविधि के तहत राष्ट्रीय पशुधन मिशन में संशोधन करते हुए इसका पूरी तरह सरलीकरण कर दिया है। सबसे बड़ी समस्या इसके प्रीमियम की थी। अब इसे सभी श्रेणियों और क्षेत्रों के लिए प्रीमियम में लाभार्थी का हिस्सा 20-50 फीसद की जगह घटाकर 15 फीसद कर दिया गया है।

सरकार देगी बाकी का प्रीमियम

प्रीमियम का बाकी हिस्सा केन्द्र सरकार द्वारा हिमालयी और पूर्वोत्तर राज्यों के अलावा अन्य राज्यों के लिए 60:40, हिमालयी/पूर्वोत्तर राज्यों के लिए 90:10 और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए 100 फीसद की दर से सरकार के वित्त पोषण पैटर्न के अनुसार साझा किया जाएगा।

पशुओं की संख्या भी बढ़ाई गई

बीमा के लिए पात्र पशुओं की संख्या 5 मवेशी इकाई से बढ़ाकर 10 मवेशी इकाई प्रति परिवार कर दी गई है। हालांकि, सुअर और खरगोश के लिए पशुओं की संख्या 5 मवेशी इकाई प्रति परिवार रहेगी। (1 मवेशी इकाई= 10 छोटे पशु जैसे भेड़, बकरी, सुअर, खरगोश)।

आरएफआईडी से भी पहचान

बीमा कार्यक्रम के तहत पशुओं की पहचान के लिए मौजूदा पहचान प्रणाली के अतिरिक्त रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान उपकरण (आरएफआईडी) को मंजूरी दी गई है। यह जानकारी केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में दी।

Uttam Malviya

उत्तम मालवीय : मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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