पीएम आवास योजना : ‘अपने घर’ का सपना साकार करती है यह योजना, देखें पूरी डिटेल

पीएम आवास योजना : हर किसी का सपना होता है कि उनके परिवार के पास अपना खुद का पक्का घर हो। यह बात अलग है कि आवश्यक धन राशि के अभाव में हर किसी का यह सपना साकार नहीं हो पाता। आम लोगों की ऐसी ही बुनियादी जरुरतों को पूरा करने केंद्र सरकार कई योजनाएं चला रही है। 'अपने घर' का सपना साकार करने भी एक बेहतरीन योजना चल रही है जिसका नाम है प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण)।

पीएम आवास योजना : 'अपने घर' का सपना साकार करती है यह योजना, देखें पूरी डिटेल

पीएम आवास योजना : हर किसी का सपना होता है कि उनके परिवार के पास अपना खुद का पक्का घर हो। यह बात अलग है कि आवश्यक धन राशि के अभाव में हर किसी का यह सपना साकार नहीं हो पाता। आम लोगों की ऐसी ही बुनियादी जरुरतों को पूरा करने केंद्र सरकार कई योजनाएं चला रही है। ‘अपने घर’ का सपना साकार करने भी एक बेहतरीन योजना चल रही है जिसका नाम है प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण)।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में गरीब लोगों के लिए पक्के मकान बनाने और उपलब्ध कराने की सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता के कारण मई 2014 में प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (2015) और ग्रामीण (2016) का शुभारंभ किया गया था। इसके तहत अभी तक करोड़ों लोग लाभान्वित हो चुके हैं और करोड़ों लोगों के आवास स्वीकृत हो चुके हैं।

क्या है प्रधानमंत्री आवास योजना

प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण (पीएमएवाई- ग्रामीण) 20 नवंबर 2016 को शुरू की गई, जिसका लक्ष्य समाज के सबसे गरीब वर्गों के लिए आवास प्रदान करना था। लाभार्थियों का चयन तीन-चरणीय सत्यापन प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है। जिसमें सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (एसईसीसी 2011) और आवास+ (2018) सर्वेक्षण, ग्राम सभा अनुमोदन और जियो-टैगिंग शामिल है।

इससे सुनिश्चित होता है कि सहायता सबसे योग्य व्यक्तियों तक पहुंचे। इस योजना में कुशल निधि संवितरण के लिए आईटी और प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) को भी शामिल किया गया है। इसने विभिन्न निर्माण चरणों में जियो-टैग की गई तस्वीरों के माध्यम से क्षेत्र-विशिष्ट आवास डिजाइन और साक्ष्य-आधारित निगरानी भी लागू की है।

दो करोड़ मकानों के साथ बढ़ी योजना

मूल रूप से 2023-24 तक 2.95 करोड़ मकानों को पूरा करने का लक्ष्य रखते हुए, इस योजना को 2 करोड़ और मकानों के साथ बढ़ाया गया है। जिसमें वित्त वर्ष 2024-29 के लिए 3,06,137 करोड़ रुपये का कुल परिव्यय और वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 54,500 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।

आवास बनाने दी जाती है इतनी राशि

इस योजना के तहत पक्के आवास बनाने के लिए मैदानी क्षेत्रों में 1.20 लाख रुपये और पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों एवं पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में 1.30 लाख रुपये की सहायता प्रदान की जाती है।

पीएमएवाई-जी के लिए आवेदन प्रक्रिया

पीएमएवाई-जी के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए, लाभार्थियों को सरल ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया https://web.umang.gov.in/landing/department/pmayg.html से गुजरना होगा।

लाभार्थी चयन के लिए यह हैं पात्रता मानदंड

विशिष्ट मानदंडों का उपयोग करके पीएमएवाई-जी के लाभार्थियों की पहचान की जाती है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि सबसे योग्य परिवारों, विशेष रूप से आवास अभाव का सामना करने वाले लोगों को प्राथमिकता दी जाती है।

इस योजना के तहत, लाभार्थियों की पहचान एसईसीसी 2011 और आवास+ (2018) सर्वेक्षणों के माध्यम से की जाती है, जिन्हें ग्राम सभाओं द्वारा सत्यापित किया जाता है। पिछले एक दशक में, एसईसीसी 2011 की स्थायी प्रतीक्षा सूची पूरी हो गई है, और 20 से अधिक राज्यों की आवास+ 2018 सूची भी पूरी हो गई है।

लाभार्थियों के लिए पात्रता मानदंड

⊗ आवासहीन परिवार : बिना आश्रय वाले सभी परिवार।
⊗ कच्चे घरों वाले परिवार : सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना (एसईसीसी) 2011 के अनुसार कच्ची दीवारों और कच्ची छत वाले घरों या शून्य, एक या दो कमरों वाले घरों में रहने वाले परिवार।
अनिवार्य समावेशन मानदंड

निम्नलिखित श्रेणियों के लोग स्वचालित रूप से लाभार्थियों की सूची में शामिल हो जाते हैं-

निराश्रित परिवार या भिक्षा पर जीवन यापन करने वाले
मैनुअल मैला ढोने वाले
आदिम जनजातीय समूह
कानूनी तौर पर रिहा किये गये बंधुआ मजदूर
सहायता के लिए इन्हें प्राथमिकता

पात्र लाभार्थियों के दायरे में, निम्नलिखित श्रेणियों को प्राथमिकता दी जाएगी:

बेघर परिवार
शून्य या कम कमरे वाले घर (एक से अधिक कमरे वाले घरों के मामले में, कम कमरे वाले घरों को प्राथमिकता दी जाएगी)।

निम्नलिखित सामाजिक-आर्थिक मापदंडों का उपयोग करके गणना किए गए संचयी अभाव स्कोर के आधार पर विशेष प्राथमिकता भी दी जाएगी:
ऐसे परिवार जिनमें 16 से 59 वर्ष की आयु का कोई वयस्क सदस्य नहीं है।
महिला मुखिया वाले परिवार जिनमें कोई वयस्क पुरुष सदस्य नहीं है।
वे परिवार जिनमें 25 वर्ष से अधिक आयु का कोई साक्षर वयस्क नहीं है।
ऐसे परिवार जिनमें एक दिव्यांगजन सदस्य है और कोई सक्षम वयस्क नहीं है।
भूमिहीन परिवार शारीरिक आकस्मिक श्रम पर निर्भर हैं।

पीएमएवाई-जी के तहत अभी तक इतनी प्रगति

प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत सरकार ने 3.32 करोड़ मकान बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। 19 नवंबर, 2024 तक, 3.21 करोड़ मकानों को मंजूरी दी गई है, और 2.67 करोड़ मकान पूरे हो चुके हैं, जिससे लाखों ग्रामीण परिवारों की रहने की स्थिति में काफी सुधार हुआ है।

अच्छी गुणवत्ता वाले सुरक्षित मकान की सुविधा

इस योजना से दो करोड़ से अधिक परिवारों के लिए मकानों के निर्माण से लगभग दस करोड़ व्यक्तियों को लाभ होने की उम्मीद है। इस मंजूरी से बिना आवास वाले सभी लोगों और जीर्ण-शीर्ण और कच्चे घरों में रहने वाले लोगों के लिए सभी बुनियादी सुविधाओं के साथ अच्छी गुणवत्ता वाले सुरक्षित मकानों के निर्माण की सुविधा मिलेगी। इससे लाभार्थियों की सुरक्षा, स्वच्छता और सामाजिक समावेशन सुनिश्चित होगा।

पीएमएवाई-जी की मुख्य विशेषताएं

25 वर्ग मीटर की न्यूनतम इकाई (मकान) का आकार, जिसमें स्वच्छ खाना पकाने के लिए समर्पित क्षेत्र भी शामिल है।
लाभार्थी स्थानीय सामग्रियों और प्रशिक्षित राजमिस्त्रियों का उपयोग करके गुणवत्तापूर्ण मकान बनाते हैं।
लाभार्थी को मानक सीमेंट कंक्रीट मकान डिजाइनों के बजाय संरचनात्मक रूप से सुदृढ़, सौंदर्यपूर्ण, सांस्कृतिक और पर्यावरण की दृष्टि से उपयुक्त मकान डिजाइनों का विस्तृत चयन की सुविधा उपलब्ध है।

निर्माण के लिए संस्थागत ऋण की भी सुविधा

पात्र लाभार्थियों को उनके पक्के मकान के निर्माण के लिए 3 प्रतिशत कम ब्याज दर पर ?70,000 तक का ऋण उपलब्ध है।
अधिकतम मूल राशि जिसके लिए सब्सिडी का लाभ उठाया जा सकता है वह 2,00,000 है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि निर्माण लागत व्यापक रूप से कवर की गई है।
यह अतिरिक्त ऋण सहायता लाभार्थियों पर वित्तीय बोझ को कम करने में मदद करती है, जिससे ग्रामीण परिवारों के लिए गृह निर्माण किफायती हो जाता है।

पीएमएवाई-जी के साथ इन योजनाओं का भी लाभ

पीएमएवाई-जी ग्रामीण परिवारों के लिए व्यापक सहायता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न अन्य सरकारी पहलों के साथ मिलकर काम करती है। इन योजनाओं का उद्देश्य स्वच्छता, रोजगार, खाना पकाने के ईंधन और जल आपूर्ति जैसी कई जरूरतों को पूरा करके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है।
⊗ स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (एसबीएम-जी) : ग्रामीण घरों में बेहतर स्वच्छता सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए लाभार्थियों को शौचालय बनाने के लिए 12,000 तक मिलते हैं।
⊗ मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) : पात्र परिवार अकुशल श्रमिक के रूप में 95 दिनों का रोजगार प्राप्त कर सकते हैं, विशेष रूप से ग्रामीण राजमिस्त्री प्रशिक्षण के तहत, ?90.95 की दैनिक मजदूरी प्राप्त कर सकते हैं।
⊗ प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) : इस योजना के तहत, प्रत्येक घर मुफ्त एलपीजी कनेक्शन का हकदार है, जो स्वच्छ और सुरक्षित खाना पकाने के ईंधन को बढ़ावा देता है।
⊗ पाइप्ड पेयजल और बिजली कनेक्शन: लाभार्थियों को पाइप्ड पेयजल और बिजली कनेक्शन सुलभ कराने की सुविधा प्रदान की जाती है, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार होता है और असुरक्षित पानी और अनियमित बिजली आपूर्ति से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों में कमी आती है।
⊗ सामाजिक और तरल अपशिष्ट प्रबंधन : पीएमएवाई-जी लाभार्थियों के लिए बेहतर स्वास्थ्य और स्वच्छता सुनिश्चित करने, अपशिष्ट प्रबंधन के लिए सरकारी कार्यक्रमों के साथ भी जुड़ती है।

सीधे हितग्राहियों के खाते में आती है राशि

पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करने के लिए, पीएमएवाई-जी के तहत सभी भुगतान इलेक्ट्रॉनिक रूप से किए जाते हैं। भुगतान सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों या डाकघर खातों में स्थानांतरित किया जाता है जो आधार से जुड़े होते हैं। इससे यह सुनिश्चित होता है कि धनराशि बिना किसी देरी के इच्छित प्राप्तकर्ताओं तक पहुंच जाए।

इन परिवारों को नहीं मिलता इस योजना का लाभ

कुछ परिवारों को उनकी वित्तीय स्थिति और संपत्ति के आधार पर योजना से बाहर रखा गया है। निम्नलिखित परिवारों को स्वचालित रूप से बाहर कर दिया जाएगा-
जिन परिवारों के पास किसान क्रेडिट कार्ड है और उनकी क्रेडिट सीमा ?50,000 या उससे अधिक है।
सरकारी कर्मचारी या गैर-कृषि उद्यम वाले।
15,000 रुपये से अधिक मासिक आय वाले या आयकर का भुगतान करने वाले परिवार।
जिन परिवारों के पास रेफ्रिजरेटर, लैंडलाइन फोन या सिंचित भूमि (2.5 एकड़ से अधिक) जैसी संपत्ति है।
योजना का दायरा बढ़ाने बहिष्करण मानदंड को 13 से घटाकर 10 कर दिया गया है, मछली पकड़ने वाली नाव या मोटर चालित दोपहिया वाहन के स्वामित्व जैसी शर्तों को हटा दिया गया है, और आय सीमा को बढ़ाकर 15,000 प्रति माह कर दिया गया है।

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Uttam Malviya

उत्तम मालवीय : मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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