PM Fasal Beema Yojana : फसल बीमा की आखरी तारीख है करीब, किसान भाई जल्द करें आवेदन
PM Fasal Beema Yojana : आपदा-विपदाओं से फसलों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाई जा रही है। खरीफ-2024 और खरीफ-2025 के लिए बीमा कराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसकी आखरी तारीख 31 जुलाई है। इसे देखते हुए किसान भाई जल्द से जल्द बीमा कराने की प्रक्रिया पूरी कर लें।
PM Fasal Beema Yojana : आपदा-विपदाओं से फसलों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाई जा रही है। खरीफ-2024 और खरीफ-2025 के लिए बीमा कराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसकी आखरी तारीख 31 जुलाई है। इसे देखते हुए किसान भाई जल्द से जल्द बीमा कराने की प्रक्रिया पूरी कर लें।
गौरतलब है कि खेती को मौसम का जुआ कहा जाता है। यदि मौसम अच्छा रहा तो फसल ठीक होगी, नहीं तो लागत भी नहीं निकल पाती है। पहले फसल बर्बाद होने पर उसकी समुचित भरपाई नहीं हो पाती थी। इसलिए सरकार ने फसल बीमा योजना लागू की है। इससे मौसम के विपरीत रहने पर फसलों को हुए नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी द्वारा कर दी जाती है। इससे किसानों को बड़ी राहत मिलती है।
सात दिन पहले आवेदन जरुरी
इस योजना के तहत अधिसूचित क्षेत्र में अधिसूचित फसल उगाने वाले सभी ऋणी और गैर ऋणी कृषक पात्र होते हैं। ऋणी कृषक यदि बीमा में शामिल न होना चाहे तो उन्हें इस संबंध में अंतिम तिथि के 7 दिन पूर्व अपना आवेदन संबंधित बैंक को देना अनिवार्य है। ऐसे कृषक बीमा योजना में तभी शामिल हो सकते हैं जब वे अपना आवेदन पुन: बीमा योजना में शामिल होने के लिए देंगे।
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इतना जमा करना होगा प्रीमियम
इस साल फसल बीमा की आखरी तारीख 31 जुलाई है। फसलों का बीमा कराने के लिए किसानों को प्रीमियम की राशि की मात्र 2 प्रतिशत राशि ही जमा करना होगा। शेष प्रीमियम का भुगतान सरकार द्वारा किया जाता है। यह बीमा संबंधित बैंक शाखा, जनसेवा केंद्र, फसल बीमा योजना पोर्टल (http://www.pmfby.gov.in) पर ऑनलाइन या क्रियान्वयन एजेंसी के अधिकृत बीमा कार्यालय से कराया जा सकता है। किसानों से प्रीमियम राशि के अलावा अन्य कोई शुल्क बीमा के लिए नहीं लिया जाता है।
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बीमा योजना का यह उद्देश्य
प्राकृतिक आपदाओं जैसे वर्षा, तापमान, हवा एवं आर्द्रता के कारण किसी भी संसूचित फसल को नुकसान होने की स्थिति दमें किसानों को बीमा कवरेज एवं वित्तीय सहायता प्रदान करना।
किसानों को कृषि में प्रगतिशील कृषि तरीकों, उच्च मूल्य आदानों एवं उच्चतर प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना। विशेषकर आपदा वर्षों में कृषि आय को स्थिर रखना।
योजना में यह जोखिम होते कवर
फसल बीमा योजना में असफल बुआई की स्थिति में, फसल की अवधि में प्राकृतिक आपदा से नुकसान की स्थिति में और फसल कटाई के आधार पर प्राप्त वास्तविक उपज में गारंटीड/थ्रेशोल्ड उपज की तुलना में कमी होने की स्थिति में जोखिम कवर किया जाता है।
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व्यक्तिगत आधार यह लाभ
बीमा योजना में व्यक्तिगत नुकसान पर भी सहायता मिलती है। इसमें खड़ी फसलों को ओलावृष्टि, जलभराव, भूस्खलन, बादल फटने, आकाशीय बिजली से उत्पन्न आग के कारण क्षति की स्थिति में नुकसान पर जोखिम कवर होता है।
इसके अलावा फसल कटाई के उपरांत 14 दिनों तक खेती में सुखाने के लिए रखी फसल को ओलावृष्टि, चक्रवात, चक्रवाती वर्षा, बेमौसम बारिश से क्षति की स्थिति में भी सहायता प्रदान की जाती है। इसके लिए आपदा के 72 घंटे के भीतर किसान द्वारा सूचना देना अनिवार्य है।