PMAY 2.0 : पीएम आवास योजना को मंजूरी, 3 करोड़ परिवारों को मिलेंगे घर
PMAY 2.0 : अपने घर का इंतजार कर रहे गरीब व मध्यम वर्गीय लोगों के लिए खुशखबरी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 को 9 अगस्त को मंजूरी दे दी है। अब ग्रामीण क्षेत्र में 2 करोड़ और शहरी क्षेत्रों में 1 करोड़ परिवारों को खुद के घर नसीब हो सकेंगे।
PMAY 2.0 : अपने घर का इंतजार कर रहे गरीब व मध्यम वर्गीय लोगों के लिए खुशखबरी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 को 9 अगस्त को मंजूरी दे दी है। अब ग्रामीण क्षेत्र में 2 करोड़ और शहरी क्षेत्रों में 1 करोड़ परिवारों को खुद के घर नसीब हो सकेंगे।
पीएमएवाई-यू 2.0 पांच वर्षों में शहरी क्षेत्रों में घर बनाने, खरीदने या किराए पर लेने के लिए राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों/प्राथमिक ऋण संस्थानों (पीएलआई) के माध्यम से 1 करोड़ शहरी गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को केंद्रीय सहायता प्रदान करेगी। इस योजना के तहत 2.30 लाख करोड़ की सरकारी सहायता प्रदान की जाएगी।
प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी 2015 में शुरू की गई थी। पीएमएवाई-यू के तहत 1.18 करोड़ आवासों को स्वीकृति दी गई थी, जिनमें से 85.5 लाख से अधिक आवास पूरे कर लाभार्थियों को सौंपे जा चुके हैं। बाकी आवास निर्माणाधीन हैं।
प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त 2023 को लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस के भाषण में घोषणा की थी कि भारत सरकार आने वाले वर्षों में कमजोर वर्ग और मध्यम वर्ग के परिवारों को घर के स्वामित्व का लाभ प्रदान करने के लिए एक नई योजना लाएगी।
योजना का लाभ लेने पात्रता मापदंड
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस)/निम्न आय वर्ग (एलआईजी)/मध्यम आय वर्ग (एमआईजी) परिवार, जिनके पास देश में कहीं भी अपना कोई पक्का घर नहीं है, वे पीएमएवाई-यू 2.0 के तहत घर खरीदने या निर्माण करने के पात्र होंगे।
- 3 लाख तक की वार्षिक आय वाले परिवारों को ईडब्ल्यूएस
- 3 लाख से 6 लाख तक की वार्षिक आय वाले परिवारों को एलआईजी
- 6 लाख से 9 लाख तक वार्षिक आय वाले परिवारों को एमआईजी के रूप में परिभाषित किया गया है।
इस तरह होगा योजना का कार्यान्वयन
लाभार्थी आधारित निर्माण (बीएलसी): इस घटक के माध्यम से ईडब्ल्यूएस श्रेणियों से संबंधित व्यक्तिगत पात्र परिवारों को उनकी भूमि पर नए आवास बनाने के लिए केन्द्रीय सहायता प्रदान की जाएगी। जिन लाभार्थियों के पास उनकी अपनी भूमि नहीं है, उन्हें राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा भूमि अधिकार (पट्टा) प्रदान किया जाएगा।
भागीदारी में किफायती आवास (एएचपी): इस घटक के तहत किफायती आवासों का निर्माण सार्वजनिक/निजी संस्थाओं द्वारा किया जाएगा और ईडब्ल्यूएस लाभार्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान कर आवंटन के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
- यदि लाभार्थी निजी क्षेत्र की परियोजनाओं में आवास खरीदता है तो लाभार्थियों को रिडीमेबल हाउसिंग वाउचर के रूप मे केंद्रीय सहायता प्रदान की जाएगी। राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों/यूएलबी द्वारा ऐसी परियोजनाओं को व्हाइटलिस्ट किया जाएगा।
- किफायती किराये के आवास (एआरएच): इस घटक में शहरी प्रवासियों कामकाजी महिलाओं/औद्योगिक श्रमिकों/शहरी प्रवासियों/बेघर/निराश्रित/छात्रों और अन्य समान हितधारकों के लाभार्थियों के लिए पर्याप्त किराये के आवासों का निर्माण किया जाएगा। एआरएच उन शहरी निवासियों के लिए किफायती और रहने की स्वच्छ जगह सुनिश्चित करेगा जो स्वामित्व में अपना घर नहीं चाहते हैं या जिनके पास घर बनाने/खरीदने की वित्तीय क्षमता नहीं है, लेकिन उन्हें अल्पावधि के लिए आवास की आवश्यकता है।
दो मॉडलों के माध्यम से होगी लागू
- मॉडल 1: सरकार द्वारा वित्तपोषित खाली आवासों को किराये के आवास में परिवर्तित किया जाएगा।
- मॉडल 2: सार्वजनिक/निजी संस्थाएं नए किराये के आवास का निर्माण करेंगी।
ब्याज सब्सिडी योजना (आईएसएस): यह घटक ईडब्ल्यूएस/एलआईजी और एमआईजी परिवारों के लिए गृह ऋण पर सब्सिडी का लाभ प्रदान करेगा। 35 लाख तक की कीमत वाले मकान के लिए 25 लाख तक का गृह ऋण लेने वाले लाभार्थी 12 वर्ष की अवधि तक के पहले 8 लाख रुपये के ऋण पर 4 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी के पात्र होंगे। पात्र लाभार्थियों को 5-वार्षिक किश्तों में पुश बटन के माध्यम से 1.80 लाख की सब्सिडी जारी की जाएगी। लाभार्थी वेबसाइट, ओटीपी या स्मार्ट कार्ड के जरिए अपने खाते की जानकारी ले सकते हैं।
पीएमएवाई-यू 2.0 के बीएलसी, एएचपी और एआरएच घटकों को केंद्रीय प्रायोजित योजना के रूप में लागू किया जाएगा जबकि ब्याज सब्सिडी योजना (आईएसएस) घटक को केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में लागू किया जाएगा। लाभार्थी योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु चारों घटकों में से अपनी पात्रता और पसंद के अनुसार एक घटक का चुनाव कर सकते हैं।
आईएसएस घटक के तहत, पात्र लाभार्थियों को 5-वार्षिक किश्तों में 1.80 लाख तक की केंद्रीय सहायता दी जाएगी।
ग्रामीण क्षेत्रों के लिए योजना में यह प्रावधान
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत मैदानी क्षेत्रों में 1.20 लाख रुपये और पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों और पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख में 1.30 लाख रुपये की मौजूदा प्रति इकाई सहायता के साथ दो करोड़ से अधिक घरों के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जानी है।
योजना से मिलेंगे यह लाभ
31.03.2024 तक अपूर्ण शेष 35 लाख घरों को पूरा किया जाएगा, ताकि पिछले चरण के 2.95 करोड़ घरों के संचयी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। अब, पिछले कुछ वर्षों में पैदा हुईं आवास जरूरतों को पूरा करने के लिए वित्त वर्ष 2024-2029 से अगले पांच वर्षों के दौरान पीएमएवाई-जी के तहत दो करोड़ और घरों का निर्माण किया जाएगा। दो करोड़ और घरों के निर्माण से लगभग 10 करोड़ लोगों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
इस मंजूरी से सभी बेघर और जीर्ण-शीर्ण और कच्चे घरों में रहने वाले लोगों को सभी बुनियादी सुविधाओं के साथ अच्छी गुणवत्ता वाले सुरक्षित घर बनाने की सुविधा मिलेगी। इससे लाभार्थियों की सुरक्षा, स्वच्छता और सामाजिक समावेशिता सुनिश्चित होगी।