Python Rescue : मृत समझ कर नाले में फेंक गए विशालकाय अजगर, फिर इस तरह बची जान
Python Rescue : जैव विविधता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले वन्यजीवों के संरक्षण के लिए भले ही सरकार और वन विभाग गंभीर हो। लेकिन, इसके सार्थक परिणाम सामने नहीं आ रहे हैं। तमाम जागरूकता अभियान के बावजूद वन्य जीवों को मारने की घटनाएं लगातार बढ़ रही है।
⇓ काली चौरासे, सारनी
Python Rescue : जैव विविधता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले वन्यजीवों के संरक्षण के लिए भले ही सरकार और वन विभाग गंभीर हो। लेकिन, इसके सार्थक परिणाम सामने नहीं आ रहे हैं। तमाम जागरूकता अभियान के बावजूद वन्य जीवों को मारने की घटनाएं लगातार बढ़ रही है।
ताजा मामला समीपस्थ गांव बाकुड़ में सामने आया। यहां अज्ञात लोगों ने एक करीब 7 फीट लंबे विशालकाय अजगर को मारकर मरा समझकर नाले में झाड़ियों के बीच फेंक दिया। लेकिन, बच्चों की गेंद नाले में जाने पर वहां हुई हलचल के बाद गांव के लोगों की नजर अजगर पर पड़ी।
उन्होंने इसकी जानकारी वन्य जीवों के संरक्षण के लिए कार्य करने वाले बायोडायवर्सिटी कंजर्वेशन सोसायटी के अध्यक्ष आदिल खान को दी। सूचना पर पहुंचे आदिल ने काफी मशक्कत के बाद अजगर को रेस्क्यू कर पशु चिकित्सा अधिकारी के मार्गदर्शन में पशु चिकित्सा कर्मियों के साथ प्राथमिक उपचार कर सुरक्षित वन विभाग के सुपुर्द किया। इसके बाद अजगर को इलाज के लिए विभाग द्वारा भोपाल रेफर किया है।
लोहे के तार से बंधा था अजगर
आदिल ने बताया कि अजगर के शरीर पर पांच जगह गंभीर घाव हैं। घाव की वजह से बदबू आ रही थी। लोहे के तार से अजगर बंधा था। इससे स्पष्ट हो रहा है कि अजगर को किसी ने मारकर फेंका था।
उन्होंने बताया कि घाव और बंधा होने की वजह से अजगर का व्यवहार असामान्य था। जिसे रेस्क्यू करने में काफी वक्त लगा। आदिल खान ने बताया अजगर को रेस्क्यू करने से पहले वन विभाग सारनी के एसडीओ अजय वहाने को मामले की जानकारी दी थी।
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आदिल के घर पर किया इलाज
अवकाश का दिन होने के चलते अजगर का प्राथमिक उपचार सतपुड़ा बायोडायवर्सिटी कंजर्वेशन सोसायटी के अध्यक्ष आदिल के घर पर ही किया गया। जहां निलेश झरबड़े, दीपक पटेल द्वारा भी उपचार में विशेष सहयोग प्रदान किया गया।
सहायक पशु चिकित्सा रूपेश उबनारे द्वारा पशु चिकित्सक अंकित मेश्राम और पशु चिकित्सक कीर्ति ठाकरे के मार्गदर्शन में अजगर का प्राथमिक उपचार किया गया। अजगर के गहरे घाव की साफ-सफाई कर उसे एंटीबायोटिक इंजेक्शन दिए गए। जानकारी के मुताबिक अजगर के शरीर पर गहरे घाव थे और उसकी कुछ पसलियां भी टूटी हुई थी। घाव लगभग तीन से चार दिन पुराने हैं।
गंभीर रूप से घायल है अजगर
अजगर की स्थिति अत्यधिक गंभीर होने पर आदिल के माध्यम से भोपाल निवासी स्वाति गौरव स्टेट कोऑर्डिनेटर पीपल फॉर एनिमल्स को मामले की संपूर्ण जानकारी दी गई। इसके बाद स्वाति गौरव द्वारा भोपाल में मौजूद वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर अजगर को भोपाल लाने सहमति ली गई।
रात 10 बजे अजगर को सारनी से वन्यप्राणियों का इलाज करने वाले सर्जन से इलाज करवाने भोपाल रेफर किया गया। इसके लिए सतपुड़ा बायोडायवर्सिटी कंजर्वेशन सोसायटी के अध्यक्ष आदिल खान और वन परिक्षेत्र अधिकारी सारनी भी रात में पशु चिकित्सालय सारनी पहुंचे थे।