Sarkari Yojanayen MP : श्रमिकों को एमपी में सबसे ज्यादा सामाजिक सुरक्षा, चल रही हैं यह 22 योजनाएं

Sarkari Yojanayen MP : श्रम का सम्मान करने में मध्यप्रदेश सरकार हर कदम पर आगे रही है। कामगारों की सामाजिक सुरक्षा को मध्यप्रदेश में निरंतर बढ़ती रही है। मजदूरों के लिए 22 प्रकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के संचालन के साथ मध्यप्रदेश मजदूर परिवारों के हित सर्वाधिक योजनाएं चलाना वाला राज्य बन गया है। इन योजनाओं का लाभ देने के लिए श्रम सेवा पोर्टल काम कर रहा है।

Sarkari Yojanayen MP : श्रमिकों को एमपी में सबसे ज्यादा सामाजिक सुरक्षा, चल रही हैं यह 22 योजनाएं
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Sarkari Yojanayen MP : श्रम का सम्मान करने में मध्यप्रदेश सरकार हर कदम पर आगे रही है। कामगारों की सामाजिक सुरक्षा को मध्यप्रदेश में निरंतर बढ़ती रही है। मजदूरों के लिए 22 प्रकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के संचालन के साथ मध्यप्रदेश मजदूर परिवारों के हित सर्वाधिक योजनाएं चलाना वाला राज्य बन गया है। इन योजनाओं का लाभ देने के लिए श्रम सेवा पोर्टल काम कर रहा है।

मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना में पिछले डेढ़ दशकों में 4.92 लाख मजदूरों को 4749 करोड़ रुपये की सहायता दी गई है। श्रमिक बन्धुओं के लिए सर्वाधिक योजनाएं चलाई जा रही हैं। इनमें अनुग्रह सहायता, स्थाई एवं अस्थाई रूप से अपंग होने पर सहायता, मध्य प्रदेश श्रम कल्याण बोर्ड के अंतर्गत श्रमिकों को शैक्षणिक छात्रवृत्ति योजना, शिक्षा पुरस्कार योजना, रियायती मूल्य पर कॉपी वितरण योजना, कन्या विवाह सहायता योजना, कल्याणी सहायता योजना, मुख्यमंत्री जन कल्याण प्रसूति सहायता योजना, कक्षा दसवीं और 12 वीं के लिए सुपर-5000 योजना, सायकिल और उपकरण खरीदने के लिए अनुदान योजना, उत्तम श्रमिक पुरस्कार योजना, श्रमिक साहित्य पुरस्कार योजना, अनुग्रह सहायता योजना जैसी योजनाओं का लाभ मिल रहा है।

श्रम कल्याण मंडल से इतनी सहायता

श्रम कल्याण मंडल की विभिन्न योजनाओं में 6646 श्रमिकों को 4 करोड़ 30 लाख 67 हजार रुपए की सहायता दी गई। चालू वित्त वर्ष में मंडल की विभिन्न योजनाओं में 2043 मजदूरों को एक करोड़ 41 लाख 18 हजार रुपए की सहायता दी गई है। इन योजनाओं के प्रारंभ से अब तक 5 लाख 86 हजार मजदूरों को 35 करोड़ 77 लाख की सहायता दी गई।

सभी कामगारों को सहायता

मध्य्रदेश स्लेट पेंसिल कर्मकार कल्याण मंडल के माध्यम से 2008-09 से 2022-23 तक 17,274 श्रमिकों को 8 करोड़ 55 लाख रूपये की सहायता दी गई। मध्यप्रदेश भवन एवं संनिर्माण कर्मकार मंडल में दर्ज सभी कामगारों को सहायता दी जा रही है।

ओवरटाइम के लिए सहमति जरुरी

श्रमिकों को ओवरटाइम के लिए उनकी सहमति जरूरी होगी। श्रमिकों को न्यूनतम वेतन और महंगाई भत्ता दिया जाएगा तथा समय सीमा में वेतन भुगतान करना होगा। कामगारों का स्वास्थ्य नियमित परीक्षण कराया जा रहा है। हाल में 35 शिविर लगाकर 7000 श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षाण किया गया।

कानूनी सुरक्षा का भी कवच

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मानते हैं कि आर्थिक विकास में श्रम शक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका है। केंद्र सरकार ने 29 केंद्रीय कानूनों को एक साथ लाकर चार श्रम संहिताएं लागू की हैं। इनमें वेतन संहिता 2019, औद्योगिक संबंध संहिता 2020, सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य स्थिति संहिता 2020 शामिल है। ये संहिताएं पुराने श्रम कानूनों को सरल बनाने और निर्णय प्रक्रिया में सुधार लाने के उददेश्य से लागू की गई हैं।

इन बीमा योजनाओं का कवर

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम मनरेगा में श्रमिकों की मजदूरी बढ़कर 202 रुपए हो जाएगी। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के माध्यम से जीवन और दिव्यांगता कवर दिया जाता है।

इलाज कराने की नहीं चिंता

आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना स्वास्थ्य कवर प्रदान करती है। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को वृद्धावस्था सुरक्षा प्रदान करने के लिए भारत सरकार ने प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन (पीएम-एसवाईएम) पेंशन योजना शुरू की।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम में वन नेशन वन राशन कार्ड योजना से सार्वजनिक वितरण प्रणाली, दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, गरीब कल्याण रोजगार अभियान, महात्मा गांधी बुनकर बीमा योजना, दीन दयाल अंत्योदय योजना, पीएमस्वनिधि, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना आदि जैसी अन्य योजनाएं भी मजदूरों सहित असंगठित श्रेत्र के श्रमिकों के लिए उनकी पात्रता मानदंडों के आधार पर उपलब्ध हैं।

सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा

ई-श्रम पोर्टल के माध्यम से संगठित एवं असंगठित क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों का पंजीयन कर उन्हें सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा उपलब्ध कराई जाती है। सामाजिक सुरक्षा का चक्र पहली बार इतने व्यापक तौर पर असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों तक पहुंचा है।

महिला श्रमिकों के संरक्षण, सुरक्षा

महिला श्रमिकों के संरक्षण, सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए कानूनी प्रावधान किये गये है। समान पारिश्रमिक अधिनियम, 1978, मातृत्व हितलाभ अधिनियम, कारखाना अधिनियम में बदलाव कर विशेष प्रावधान बनाये गये है।

महिला श्रमिकों के कल्याण के लिए अनुदान सहायता योजना भी संचालित की जा रही है। मुख्यमंत्री श्रम स्वरोजगार योजना और जनकल्याण योजना से महिला श्रमिकों को सशक्त किया जा रहा है। सरकार महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों, राष्ट्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थानों और क्षेत्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थानों के नेटवर्क के माध्यम से महिला श्रमिकों को प्रशिक्षण दे रही है।

बोर्ड दे रहा विशेष प्रशिक्षण

महिला श्रमिकों के लिए दत्तोपंत ठेंगड़ी नेशनल बोर्ड फॉर वर्कर्स एजुकेशन एंड डेवलपमेंट (तत्कालीन केंद्रीय श्रमिक शिक्षा बोर्ड) द्वारा विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उन्हें उनके अधिकारों, कर्तव्यों और सुरक्षात्मक प्रावधानों के बारे में निरंतर जागरूक किया जा रहा है।

संबल योजना से मिला संबल

असंगठित श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल 2.0 योजना से श्रमिकों को संबल मिला है। योजना में सामान्य मृत्यु होने पर 2 लाख रुपए की सहायता, दुर्घटना मृत्यु में 4 लाख रुपए की सहायता, आंशिक दिव्यांगता में 1 लाख रुपए की सहायता एवं स्थाई दिव्यांगता में 2 लाख रुपए सहायता राशि मिलती है। वर्ष 2022-23 में सहायता के 1 लाख 55 हजार 261 प्रकरणों में 1580 करोड़ रुपए से अधिक राशि दी गई।

श्रम कल्याण मंडल का गठन

संगठित क्षेत्र के श्रमिकों तथा उनके परिवारजनों के कल्याण के लिए मध्य प्रदेश श्रम कल्याण निधि अधिनियम 1982 के प्रावधानों के अंतर्गत मध्य प्रदेश श्रम कल्याण मंडल गठित किया गया है। मंडल द्वारा विभिन्न योजनाएं जैसे उत्तम श्रमिक पुरस्कार योजना, कल्याणी सहायता योजना,अंतिम संस्कार सहायता योजना, विवाह सहायता योजना, अनुग्रह सहायता आदि योजनाएं संचालित की जा रहीं है। मंडल द्वारा वर्ष 2023- 24 में विभिन्न योजनाओं में 10748 श्रमिकों को 5 करोड़ 44 लाख 71 हजार 907 रुपए की सहायता दी गई है।

इतने नए श्रमिकों का पंजीयन

निर्माण कार्यों में लगे श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा के लिये मध्य प्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के माध्यम से 2023-24 में 4 लाख 53 हजार 487 श्रमिकों का नवीन पंजीयन किया गया है। मंडल द्वारा निर्माण श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 17 योजनाएं संचालित है।

जिनमें प्रसूति सहायता योजना,आयुष्मान भारत योजना, मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना, निर्माण पीठा श्रमिक आश्रय योजना आदि शामिल है। मध्य प्रदेश राज्य प्रवासी श्रमिक आयोग के माध्यम से अन्य राज्यों में श्रमिक के रूप में कार्य कर रहे थे या कार्य कर रहे हैं उन्हें शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाया जा रहा है।

न्याय के लिये किया गया नवाचार

श्रमिकों से संबंधित सभी प्रकार के अर्द्धन्यायिक प्रकरणों का निराकरण पारदर्शिता के साथ निर्धारित समय-सीमा में करने के लिये लेबर केस मैनेजमेंट सिस्टम बनाया गया है। श्रमिक बिना कार्यालय में उपस्थित हुए अपने निवास से या किसी भी एमपी ऑनलाईन कियोस्क के माध्यम से प्रकरण ऑनलाईन दर्ज कर सकते हैं तथा प्रकरण से संबंधित अद्यतन जानकारी प्राप्त कर सकते है।

असंगठित श्रमिकों के पंजीयन के लिये ई-श्रम पोर्टल उपलब्ध है। दिसंबर, 2023 तक मध्यप्रदेश में 1.73 करोड़ असंगठित श्रमिकों को ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत किया गया है। श्रमोदय विद्यालयों के अंतर्गत भर्ती किये जाने वाले विद्यार्थी को संपूर्ण एडमिशन प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी गई है।

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Uttam Malviya

उत्तम मालवीय : मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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