Success Story : अचानक हुई धुन सवार और एक बेटे की मां बिना कोचिंग बन गईं आईपीएस
Success Story : आज प्रतियोगिता इस कदर बढ़ चुकी है कि किसी एक फील्ड में सफलता हासिल कर लेना ही बहुत बड़ी बात होती है। इसके विपरीत कई प्रतिभाएं ऐसी होती हैं जो कि केवल एक नहीं बल्कि कई फील्ड में सफलता के शिखर पर पहुंच जाती हैं। राजस्थान कैडर की आईपीएस ऑफिसर डॉ. अमृता दुहन (IPS Dr. Amrita Duhan) भी इन्हीं प्रतिभाओं में शुमार की जा सकती है।
Success Story : आज प्रतियोगिता इस कदर बढ़ चुकी है कि किसी एक फील्ड में सफलता हासिल कर लेना ही बहुत बड़ी बात होती है। इसके विपरीत कई प्रतिभाएं ऐसी होती हैं जो कि केवल एक नहीं बल्कि कई फील्ड में सफलता के शिखर पर पहुंच जाती हैं। राजस्थान कैडर की आईपीएस ऑफिसर डॉ. अमृता दुहन (IPS Dr. Amrita Duhan) भी इन्हीं प्रतिभाओं में शुमार की जा सकती है।
डॉ. अमृता दुहन ने पहले डॉक्टर बनने का सपना देखा। उन्होंने यह सपना पूरा भी किया। इसके बाद उन्होंने आईपीएस ऑफिसर बनकर देश सेवा करने का सपना देखा और यह सपना भी पूरा कर दिखाया। वर्तमान में वे राजस्थान के कोटा शहर में पुलिस अधीक्षक (एसपी) के रूप में पदस्थ हैं। आपराधिक तत्वों में उनका खौफ इस कदर है कि उन्हें लेडी सिंघम के तौर पर भी जाना जाता है।
मेडिकल में हासिल की यह डिग्रियां
आईपीएस डॉ. अमृता दुहन मूलरूप से हरियाणी के रोहतक की रहने वाली हैं। उनका जन्म 11 नवंबर 1983 को हुआ। उन्होंने वर्ष 2007 में एमबीबीएस किया। इसके बाद पैथालॉजी में एमडी किया। यही नहीं उन्होंने डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड (डीएनबी) की डिग्री भी हासिल की। कुछ समय तक उन्होंने बीपीएस मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में भी काम किया।
- Read Also : Home Stay Villages : होम स्टे योजना ने पलट दी इन गांवों की तकदीर, विदेशों से भी आ रहे टूरिस्ट
परिवार-कॅरियर हो चुका था व्यवस्थित
इसके बाद उनकी शादी भी हो गई और कुछ साल बाद बेटे का जन्म भी हो गया। उनका परिवार और कॅरियर दोनों ही सैटल हो चुके थे। ऐसे में कोई नया सपना देखने की सोच भी नहीं सकता, लेकिन उन्होंने सोचा और इस सपने को पूरा भी किया।
- Read Also : Cancers Best Treatment : यहां जड़ी-बूटियों से होता है कैंसर सहित कई गंभीर बीमारियों का इलाज
इस तरह आया आईपीएस बनने का ख्याल
दरअसल, उनके छोटे भाई का आईपीएस के लिए सेलेक्शन हुआ तो उनके मन में भी आया कि वे भी क्यों न आईपीएस बन जाएं। बस उन्होंने तैयारी शुरू कर दी और वर्ष 2016 में बिना किसी कोचिंग के पहले प्रयास में ही सफलता हासिल कर ली। खास बात यह है कि परिवार और बेटे की जिम्मेदारियों को संभालते हुए उन्होंने कड़ी मेहनत के साथ यूपीएससी की तैयारी की थी।
पुलिस एकेडमी भी साबित किया दबदबा
वर्ष 2017 में ट्रेनिंग के दौरान उन्होंने राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में 3 ट्राफियां जीती और अपना दबदबा साबित किया। जब अकादमी में उनकी ट्रेनिंग शुरू हुई तो वे 33 साल की थी और फिजिकल एक्टिविटी की आदत नहीं थी। इसके बावजूद उन्होंने ओवरटाइम ट्रेनिंग ली और अंत में बेस्ट आउटडोर प्रोबेशनर और बेस्ट ऑलराउंडर प्रोबेशनर के रूप में चुना गया।